शिक्षा नीति पर समीक्षा के लिए पखवाड़ा मनाया

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*मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नवोदय क्रांति ने भेजे सुझाव*
  मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 का ड्राफ्ट जारी करके सुझाव आमंत्रित किये गए। यह शिक्षा नीति आने वाले समय में भारत की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने का कार्य करेगी। लेकिन बड़ी विडंबना की बात है की हमारा जागरूक समाज उस दिशा में कार्य ही नही कर पाया। उचित फीडबैक न मिलने के कारण मंत्रालय ने सुझाव लेने की तिथि 30 जून से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी।
भारत मे सरकारी शिक्षकों के सबसे बड़े समूह ‘नवोदय क्रांति परिवार’ के संस्थापक गुरुजी सन्दीप ढिल्लों के मार्गदर्शन व निर्देशन में इस पर संज्ञान लेते हुए  3 जुलाई से 18 जुलाई तक  *शिक्षा नीति 2019 समीक्षा पखवाड़ा* मनाने का निश्चय किया । ताकि शिक्षा नीति पर गहन चिंतन करके सभी अपने व्यक्तिगत  व नवोदय क्रांति की ओर से सामूहिक सुझाव मानव  संसाधन विकास मंत्रालय को भेज सकें । इस समीक्षा के लिए नवोदय क्रांति परिवार के वरिष्ठ मार्गदर्शक मोटिवेटर ट्रेनर आदरणीय *श्री अनुराग धारीवाल*  जी द्वारा  सरलतम रुप में *नवोदय क्रांति फेसबुक पेज पर लाइव सत्र* चलाए गए जिसमे उन्होंने अलग अलग दिन। विभिन्न मुद्दों को सामने रखा व उसपर चर्चा की गई। उनके सत्र दिन अनुसार
*3-7-19  :- *विद्यालय शिक्षा*
*7-7-19 :- उच्च शिक्षा*
*11-7-19 :- अतिरिक्त प्रमुख फोकस क्षेत्र*
*13-7-19 :- शिक्षा में बदलाव, क्रियान्वयन, सुझाव*
*नवोदय क्रांत्ति परिवार भारत से जुड़े 20 से अधिक राज्यों के  1 लाख से अधिक अध्यापकों ने इस पखवाड़े में भाग लिया व हजारों अध्यापकों की ओर से सुझाव भी प्राप्त हुए।
इस समीक्षा पखवाड़े के कोऑर्डीनेटर अनुराग धारीवाल जी बताया कि हम शुरू से इस नीति को तैयार करने वाली समिति के संपर्क में रहे हैं और यह जान पाए हैं कि नीतियां धरातल पर ही तैयार होती हैं ।  हमने नवोदय क्रांति शिक्षा नीति पखवाड़े के तहत प्रयास किया है कि अधिक से अधिक अध्यापक साथियों तक यह सन्देश पहुंचें । कम से कम अध्यापक इसको पढ़ें तो सही। और इसमे हमें कामयाबी मिली है। सुझाव इसके अलावा भी बहुत हैं ये साझे सुझाव थे तो हमने ले लिए हैं और इसके अलावा भी  साथियों के बहुत  शानदार सुझाव आएं हैं उनको व्यक्तिगत भेजेंगे।
नवोदय क्रांति परिवार के संस्थापक गुरुजी सन्दीप ढिल्लों ने बताया कि हमारा एक ही प्रयास है कि देश की। शिक्षा व्यवस्था उत्तम कोटि की हो । और शिक्षण में गुणवत्ता आये। शिक्षा नीति आने वाले समय मे हमारी शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देगी। और इस कार्यक्रम के बहाने ही सही हम सभी अध्यापकों व शिक्षाविदों को अपने देश की शिक्षा के बारे में सरकार की नीतियों और उसके बारे में उनके सुझावों को जोड़ने का कार्य तो कर पाए। ये हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस तरह के दस्तावेज पढ़ने चाहिए व अपने सुझाव भी अवश्य देने चाहिए।
नवोदय क्रांति के नेशनल मोटिवेटर गोपाल कौशल ने बताया कि शिक्षा नीति के बारे में पहली बार इतने बड़े स्तर पर 20 से अधिक राज्यों के शिक्षको के मध्य चर्चा हुई है। इसके सकारात्मक परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे। सभी शिक्षकों को यह नीति पढ़नी चाहिए । मध्यप्रदेश से 6 अध्यापको ने सुझाव भेजे
नवोदय क्रांति परिवार द्वारा भेजे गए मुख्य सुझाव :-
1. *पूरे देश में एक समान पाठ्यक्रम*:-शिक्षा को समवर्ती सूचि में माना जाता है ,इसीलिए इस ड्राफ्ट में ये कहा गया है की राज्य की SCERT पाठ्यक्रम बनाएगी | ऐसा ना करके राज्यों से समन्वय करके पुरे देश में एक जैसा पाठ्यक्रम बनाया जाना चाहिए| जैसे यदि बिहार का कोई विधार्थी हरियाणा माता पिता के साथ काम पर आये ,तो उसे वही पाठ्यक्रम  हरियाणा में मिले,और भी जहाँ जाये बराबर मिले ,इससे ड्राप आउट कम होगा ,| विधार्थियों और अभिभावकों को संशय नहीं रहेगा |एकरूपता से देश प्रेम और सहयोग बढेगा |सेण्टर स्कूल और नवोदय विद्यालय की तर्ज पर ये  अवश्य किया जाना चाहिए |
2. *प्रोमोशन उसी विभाग में हो जिसमें नियुक्ति हो ताकि अनुभव का लाभ मिले*:- अध्यापक वर्ग को समान समझते हुए  किसी भी |वर्ग को छोटा बड़ा ना माना जाये PRT ,TGT,PGT  तीनो को बराबर मानते   हुए  उसी प्रकार पदोन्नति और वेतन वृद्धि के अवसर मिले ,उन्हें विभाग ना  बदलना पड़े  | नहीं तो बुनियादी अध्यापक को निम्न माना जायेगा ,और वहा से पलायन होता जायेगा ,SCERT  और DIET में बराबर अवसर की तरह प्रशासन में भी उन्हें PRT—TGT —PGT —Principal —BEO –DEO –Director की बजाय  PRT-HT –CHT –BEO –DEO –Director  मिलेगा तो बुनियादी शिक्षा और मजबूत होगी | और उच्च और निम्न का भेद समाप्त होगा |इससे प्राथमिक शिक्षक प्रमोशन के बाद भी प्राथमिक विभाग से जुड़ा  रहेगा |
3. *यशपाल कमेटी के सुझाव  अनुसार विधार्थियों के दोनों प्रकार के बोझ को कम किया जाये*:-
1.मानसिक और शारीरिक
यानि बस्ते का वजन कम हो ,विभिन्न विषयों की अलग अलग पुस्तक और नोटबुक की जगह उनका एकीकरण किया जाये , ताकि विद्यालयों में कम बोझ ले जाये जा सके ।
4. *मोटिवेशनल व हैप्पीनेस पाठ्यक्रम*:- आज के समय अध्यापक और विद्यार्थी दोनों ही अवसाद ग्रस्त है जिसकी वजह से विधार्थी आत्म हत्या कर रहे है ,अध्यापको और दूसरे साथियों के ऊपर हमला कर रहे है ,जिस पर यदि अभी ध्यान नहीं दिया गया तो ये और बढेगा | अत: शांति ,संतुलन ,पर्यावरण हेतु “मोटिवेशनल व हैप्पीनेस कर्रीकुलम “अवश्य होना चाहिए |जिसके लिए हम भूटान का हैप्पीनेस  इंडेक्स ,दलाई लामा का दिल्ली का पाठ्यक्रम ,नेदरलैंड का पाठ्यक्रम देख सकते है |
5.विद्यार्थियों और विद्यालय  स्तर की विभिन्न समस्या हेतु CPD में एक्शन रिसर्च को जगह दी जाये |
6.PRT,TGT,PGT तीनो विभागों के लिए रेसौर्स पर्सन ,मास्टर ट्रेनर आदि इन्ही विभागों से पदोन्नति और अनुभव के आधार पर  लिए जाये |कोई MT या RP पराटूपेर न हो |
7. पाठ्यक्रम तैयार करने हेतु भी ड्राफ्टिंग की तरह लिंक दिया जाये ,ताकि सभी शिक्षक उसमे सहयोग दे सके |
8. *एक कक्षा एक अध्यापक एक क्लास*:- प्रत्येक कक्षा के लिए एक शिक्षक अनिवार्य हो ।
9. अध्यापको के लिए विद्यालय प्रांगण में ही आवास व्यवस्था हो ताकि उनका पूरा समय शिक्षण व शिक्षण योजना पर लग सके।
10. शिक्षक से सिर्फ शिक्षा से सम्बंधित कार्य लिए जाये ,अन्य कार्य हेतु दूसरा स्टाफ हो  जैसे निर्माण कार्य ,मिड डे मील ,BLO आदि ।
11. प्राथमिक कक्षाओ में शिक्षक अनुपात 20:1  हो |
12. प्रत्येक कक्षा में खेल व अन्य पाठ्य सहगामी गतिविधियों  को बढावा  देने हेतु उनमें भाग लेना अनिवार्य हो |
13. छठी से आठवीं  कक्षा वोकेशनल शिक्षा की शुरुआत  व रुचि अनुसार विषय चयन करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
14. “learning  By Doing को बढावा देने हेतु समस्त पाठ्यक्रम गतिविधियों पर आधारित हो ।पाठ्यक्रम को साधन माना जाये और अध्यापको को learning  outcome पर कार्य करने हेतु प्रशिक्षण दिया जाये |
15. *सरकारी शिक्षा को एकमात्र विकल्प के रुप में स्थापित करना*:-
नवोदय क्रांति परिवार भारत देश भर के लाखों अध्यापकों के साथ मिलकर देश की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बेहतरीन बनाकर एकमात्र विकल्प के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। अगर सरकार इस दिशा में कदम बढ़ाना चाहे तो देश भर के सरकारी अध्यापक व पूरा समाज आपका साथ देने को तैयार है।#गोपाल कौशल

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।