शरीर तो नश्वर है सबका इसको न अपना मान इसमें जो आत्मा बसी है वही है अपनी पहचान कितना भी संवार कर रखिए शरीर फिर भी जर्जर होगा एक समय ऐसा भी आएगा शरीर जब मिटटी होगा ध्यान दे अगर आत्मा पर आत्मबोध हो जाएगा परमधाम की वासी आत्मा अंत […]
विवेकानंद जी के शब्दो को हमने हृदय में समा रखा है। जो मेरे जीवन में बहुत काम आ रहा है। कितना कुछ कहा उन्होंने मानव जीवन के ऊपर। करे अगर उनका चिंतन तो जिंदगी फूलों की तरह खिल जायेगी।। अगर नहीं है कुछ भी किसीको कुछ देने को। तो बस […]
वाणी बहुत अनमोल है सोच समझकर बोलाकर जो सबको मीठी लगे ऐसी ही वाणी बोलाकर वाणी मे है शक्ति अनेक अच्छी हो तो कहलाये नेक चुक जाएं जब वाणी के बोल दे वातावरण मे जहर सा घोल संयमित वाणी गुणों की खान गैरो की भी बचाती यह जान जो वाणी […]
आगरा । गत-दिवस को BWI के सहयोग से होटल प्रिया के सभागार में फतेहाबाद रोड आगरा में असंगठित कर्मचारी यूनियन / उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन द्वारा ” अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक जागरूकता कार्यशाला ” का आयोजन किया गया । कार्यशाला में आगरा ग्रामीण विधायक श्रीमती हेमलता दिवाकर कुशवाह ने स्थानीय […]
अगर पैरो में हो चोट साथ में हो छोटी सोच। तो इंसान जिंदगी में आगे नहीं बड़ सकेगा। इसलिए दोनों का इलाज इंसान के लिए जरूरी है। जो डाक्टर के इलाज से और खुदके आत्ममंथन से ठीक होगा।। इंसान की पहिचान काम से होती है इसलिए कर्म करना जरूरी है। […]
सगा होना जरूरी नही रिश्ते कराते एहसास संकट मे जो पास खड़ा वही तो अपना खास एक ही कोख से जो जन्मे फिर भी नही प्यार उनमे उनसे तो वे गैर ही भले हित भरा जिनके दिल में रिश्ते नाते सब स्वार्थ के स्वार्थ नही तो किस बात के निःस्वार्थ […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।