फिल्में सामान्य जीवन पर जल्दी असर करती हैं सामाजिक जीवन में, वैसे फिल्मों में काम करने वालों की कार्यशैली ऐसी ही है कि,वो एक प्रकार के उच्च व्यवसायिक तरह का जीवन जीते हैं। ऐसे में इनसे अच्छे संस्कार की उम्मीद बेइमानी है,यानी न के बराबर। सरकार (अधिकारियों )और नेताओं को […]
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दरिया बहती… बढ़ती जाती… पल-पल एहसास कराती, नदियों से मिल.. खिल लहरों से, नव सागर एक दीप्त बनाती…। कभी थमना तो,तेज बहते जाना… जीवन का खेल सिखाती मुस्कुरा खुशियों से.. गमों में यूँ गुनगुना, कल..आज-कल… क्या हुआ,अब होगा क्या..? अनुरागी-वैरागी मन… रचती जन्म-जन्मान्तर… जागृत पुण्यों को करती। रागिनी बन दिल […]