सृष्टि के, असंख्य जीवों में.. श्रेष्ठ है मनुष्य। कुत्ते,बिल्ली, हाथी,घोड़ा,गधा अनेक जीवों में।। खुद को साबित किया, समझदार.. पर भूल गया हँसना, लाना चेहरे पर मुस्कान। ईश्वर ने यह अधिकार सिर्फ, मानव को ही दिया.. मुस्कुरा सकता है मानव ही, गधा नहीं।। फिर क्यों, नफरत का बीज बोकर.. छीन ली […]
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हिन्द और हिन्दी की जय-जयकार करें हम, भारत की माटी,हिन्दी से प्यार करें हम l भाषा सहोदरी होती है,हर प्राणी की, अक्षर-शब्द बसी छवि,शारद कल्याणी की.. नाद-ताल,रस-छंद,व्याकरण शुद्ध सरलतम, जो बोले वह लिखें-पढ़ें, विधि जगवाणी की.. संस्कृत सुरवाणी अपना, गलहार करें हमl हिन्द और हिन्दी की,जय-जयकार करें हम, भारत की माटी,हिन्दी से प्यार करें हमl असमी,उड़िया,कश्मीरी,डोगरी,कोंकणी, […]