वह दिन जब हम आए थे, हाँ,खाली हाथ तनहा,अधूरे से……. मिला यहाँ अपनों का साथ। कोरे कागज़,खाली कैनवास से, थे भोले भाले.. रंग मिले इस दुनिया से कुछ श्वेत,कुछ काले। पर अब सीख गए हैं, छल-कपट,द्वेष-राग.. अस्तित्व बचाने हो रही अब दुनिया की दौड़ भाग। फिर जन्मदिवस तुम आए, जीवन […]

उनके पास समय है बस, फ़ेसबुक पर पिक्स डालने का। उनके पास समय है, अब इतना ही कि.. पिक्स पर आए लाइक्स, और कमेंट्स की गिनती भर ही कर सके। बस इतना-सा ही समय, बचा है कि.. तारीफों के पुल बाँधते हर सच्चे-झूठे कमेन्ट का, रिप्लाई भर ही कर सके। […]

नया इलेक्शन फिर आया है, वोट हमारे नाम करो.. भीख वोट की हमको दे दो, ऐसे पुण्य का काम करो.. जीत गए तो दिखला देंगें, तुमको अपना असली रूप.. शीतल छाया को तरसोगे, झुलसाएगी तुमको धूप पाँच साल के बाद मिलेंगें.. तब तक तुम आराम करो, वोट हमारे………। वोट की […]

धीर बनो गम्भीर बनो, सागर का तुम नीर बनो। लुटती हो मर्यादाएं जब-जब, द्रोपदी का तुम चीर बनो। देनी हो प्रेम-प्यार की परिभाषा, तब-तब राधा की पीर बनो। आते सुख-दुःख जब-जब, तब दुःख को भी अपना लो.. सुख की न तुम जागीर बनो। पीकर गरल हलाहल सारा, अमृत की तुम […]

कुछ लोग मेरी नज़रों से रोज़ गिरा करते हैं, कोई गिरगिट तो कोई मौसम बनकर मिला करते हैं। क्या जान पाएंगे वो लोग मोहब्बत का मर्ज़, इनकी ज़िन्दगी में बिन काँटों के फूल खिला करते हैं। चैन से बैठने नहीं देते किसी परिंदे को, कुछ शज़र बेमतलब हिला करते हैं। […]

दिल गम से टूटा है, चलो हम मना लें उसे.. टूटा है आइना किरचों में, करीने से सजा लें उसे। आइना है कविता मेरी, तेरे उन सवालों का.. जो उलझे हैं बेतरतीब, जेहन में गर्द जालों का। हर अक्स आईने में, अजनबी-सा लगता है.. दिल को बचाकर रखना, वो टूट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।