दिल में कुछ,दबा-सा है, कुछ अटखेलियाँ,कुछ नादानियाँ.. गुज़री बातों की कुछ निशानियाँ, वक्त जैसे कुछ,रुका-सा है.. दिल में कुछ,दबा-सा है…। कुछ ख़्वाहिशें,कुछ आशाएँ, कुछ हैरानियाँ,कुछ परेशानियां.. कोई शूल जैसे,चुभा-सा है, दिल में कुछ,दबा-सा है…। कुछ सपने,कुछ उम्मीदें, कुछ अलसाई-सी वो नींदें.. मन में कुछ,छुपा-सा है, दिल में कुछ,दबा-सा है…। कुछ […]

माँ तुम मेरी मूरत हो, हम बच्चों की तुम जरुरत हो। मिल जाए चाहे कितने भी यार, अनमोल माँ तेरा प्यार। माँ मैंने एक कविता सुनी है तेरे बिन मेरा आँगन सूना है। नदिया से बड़ा समंदर है, तेरी छवि मेरे दिल के अंदर है। माँ तेरा मीठा प्यार मैंने […]

मित्रों नमस्कार, हमेशा से ही मेरी कोशिश रही है कि, आयुर्वेद के मूलभूत को जन-जन तक पहुँचाऊँ और आयुर्वेद के इस प्रभाव को जनमानस से दूर करुं,जिस कारण वह आयुर्वेद को १०-२० जड़ी-बूटी वाली चिकित्सा पद्धति समझते हैं। इसी कारण से मैं कभी ऐसे अनर्गल योग नहीँ लिखता,जिनमें व्यक्ति को […]

क्या बताएं, नैन कितनी बार रोए हैं, याद करके तुमको जार-जार रोए हैं। खुशमिजाजी में हमारा भी शुमार था, जाते तुम्हें देख बेशुमार रोए हैं। हमको पता है,फिर भी यूँ ही पूछ रहे हैं, याद करके हमें क्या एक बार रोए हैं।                 […]

अपनी आदतें, स्वयं की मांग,मोहलत,स्वभाव,व्यवहार… शेष नही रहता…? शामिल करते नहीं ओरों की चाह वो फिक्र किसी की परवाह.. खुद-से-खुद उलझे रहते दिखती नहीं कोई डगर… बदलाव नहीं अपनाते, नजरों से बेखबर रहते… ओरों के बेरंग नजारे रंगीन वो लगते खटास भरी महफिल खुद के सप्तरंगों को हराते या..स्वयं से […]

जब चाँद मद्धम पड़ने लगे, तहे दिल से जलने लगे.. पर-प्राणी प्रकाश देख, प्रसन्न होने लगे.. समझिए,परिवेश में सूर्य का उदय हुआ है। ———— #मिट जाना है ———— गर्व लिए बादल घुमड़ा था, बादल में पानी गहरा था.. बिजली चमकी,बरसा पानी, बरसा पानी बह जाता है.. कथा जनम-मरण की कह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।