यूं नहीं आती हैं फसलें खेत की मिट्टी से प्रिये, ये पसीना बूंद बनकर बीज के कानों में कहता, आना है कुछ ही समय में तुमको धरा की पीठ पर, तृप्त करना है मनुज की हर कामना तुमको। देह झांकती हो भले इस जीर्ण चिर से, पर मुझे चिंता तुम्हारी […]

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लीला  लीलाधर  करता। माया  में  मानव  मरता॥ माया लीला महँ उलझा। लीला माया नहँ समझा॥ जानो लीलाधर अब तो। मानो  मायावर  अब तो॥ माया  लीलाकर  वश में। लीलाधर  माया  कश में॥ बोलो  लीलाधर जय हो। बोलो  मायावर जय  हो॥ माया  दासी  चरण खिले। लीला  कारी शरण मिले॥ छोड़ो सारा  भरम […]

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कब जोड़ना कब छोड़ना, है जानता मन-मोहना; रेशम-सी डोरी खींचता, रहता है वह भी उन्मना। पाता कहाँ वह रख गोद ही, पड़ता सिखाना चलन भी; मन जीव के है बोध भी, चलना चहे वह स्वयं भी। गिरता व पड़ता जब चले, विश्वास निज पैरन करे; निगरानी नज़रों में रहे, है […]

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    गौमाता में  तैंतीस करोड़  देवताओं का वास है, गौभक्ति से प्रसन्न होते देव ह्रदय में निवास है.. निर्मम हत्या करें जो जन,वो माता के हत्यारे हैंl भू-मंडल पर उनसे पापी और नहीं कोई दूजे हैं, अभिशापित होंगे वे लोग,न मुक्ति उन्हें मिल पाएगी.. जीवन भर तड़पेंगे,मरणोपरांत आत्मा भटकेगीl वध करना […]

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हिंसा को भड़काने वाले ये किसान नहीं हो सकते। जीवन को सुलगाने वाले ये किसान नहीं हो सकते। खेतों में जो श्रम का पानी देता है। फसलों को जो खून की सानी देता है। फसलों को आग लगाने वाले, ये किसान नहीं हो सकते। हिंसा को भड़काने वाले ये किसान […]

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भारत भूमि हमारी देवोपवन है। अनमोल रिश्ते हमारे अनुपम है॥ अमन-चैन-शांति इसके गहने हैं। हम सब आपस में भाई बहने हैं॥ चंद दिनों की यह जिंदगानी है। यहां न कोई राजा,न कोई रानी है॥ आओ मिलजुल कर प्रेम के दीप जलाएं, संग संग रहें,किसी के बहकावे में न आएं॥ ‘मंगलेश’ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।