संतुलन है बिगड़ रहा, पर्यावरण का देखो आज। विश्व भर ही चिंतित है, हो न जाए महाविनाश। मुख्य कारक रहे हैं तीन, पर्यावरण असंतुलन का। शहरीकरण, उद्योग भी हैं, कारण सभी प्रदूषण का। हम कहते हैं जिसे विकास, विश्व भर […]
हर इक हादसे से सबक…लिया है मैंने॥ तुमसे मिलना भी जैसे..कोई हादसा हो.., मोहब्बत भी की के ज़हर…पिया है मैंने॥ मुमकिन जो था वो हुआ…हो न पाया…, विसाल-ए-यार को ऐसे…सिया है मैंने॥ तुझको मुकम्मल पाने की…कोशिश में.., खुद को ही कहीं पे खो..दिया है मैंने॥ क्या-क्या ना दिल ने…है चाहा […]
हाँ वो जनवरी 2 ही थी,जब वह मिताक्षरा से आखरी बार मिलने गया था। उसके मन में प्यार को लेकर तड़प-जलन-शिकवा-शिकायत सब कुछ था जिसे वो आज अपनी मीतू के सामने कह देना चाहता था। उसकी याददाश्त भी इतनी जबरदस्त कि,पिछले ७ सालों का हर लम्हा अंगुली पर गिना सके। […]
क्या हुआ मैं जानती हूँ,अनमनी-सी बात मत कर। सनम कुछ पर्दा नहीं है,अनकही-सी बात मत कर। रे यह साझेदारी है,हमारे बीच की बात है। गली में बात फैलाकर,सनसनी-सी बात मत कर। कुछ राज कहने हैं तुमसे,और कुछ सुनने हैं सनम। बैठ कर बातें करें,अब अनबनी-सी बात मत कर। इस तरह […]
कोई खाता माता-पिता की सौगंध, कोई खाता बाल-बच्चों की सौगंध। कोई खाता ईश्वर-अल्लाह की सौगंध, कोई खाता गीता-कुरान की सौगंध॥ कोई खाता गंगा-अबे जम की सौगंध, सौगंध खाकर बन जाते हैं संबंध। कोई सच बोलता है ,तो कोई झूठ, किसी का जीवन बचा लेती सौगंध॥ लो अब भारत माता की […]
चमकते हैं सितारे देख हर रोज। नहीं आती बहारें,देख हर रोज॥ बेईमानी बेईमानी…..मिले मात्र। इमां नर ना सुधारे,देख हर रोज॥ बूढ़ी माँ को अकेला छोड़ जाओ न। जिए किसके सहारे,देख हर रोज॥ नसीहतें दे नहीं अब आदमी सोच। दिलों में ना उतारें,देख हर रोज॥ कहीं सूखा कहीं अतिवृष्टि,की है फ़ौज। […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।