बदरा छाए सावन के, लाए संदेशा साजन के। बरसे रिमझिम-रिमझिम, छू रहे तेरे भींगे आँचल से। छाए बादल काले-काले, तेरे नयनों के काजल से। झूम उठा मस्त पवन संग, तेरी कोमल छुअन सिरहन से। दूर कहीं बिजुरी चमकी, तेरे अधरन की फड़कन-सी। अल्हड़ नीर भरी नदियाँ सब, तेरे मदमाते अल्हड़ […]

क्या है  इन्द्रधनुष? रंगों के मेल-मिलाप से बना एक खूबसूरत एहसासl प्रकृति प्रदत्त मनभावन नजाराl जो भाता भी सबको है,और हर्षाता भी सबको है। देता भी है,गहरा सबक- छुपा है प्रकृति प्रदत्त हर जीव-निर्जीव में आनंद ही आंनद, जरूरत है सिर्फ समझने की और मेल-मिलाप के उसके अद्भुत गुण से तादाम्य […]

कभी-कभी कैसे बुलबुले उठते हैं मन में,कुछ बड़े तो कुछ छोटे..जैसे मन में कुछ खौल रहा होl तमाम तरह के वैचारिक बुलबुले उभरते और फटते हुए..। कहीं पढ़ रही थी कि,मनुष्य चाहे जितना भी व्यस्त क्यों न हो, एक निश्चित समय उसे खुद के साथ बिताना चाहिए, अच्छा लगता है […]

हर पल मैं हर लम्हा तुमको ही जीता हूँ, जीने में मरने में,तुमको ही खोता हूँ। बिन तेरे तन्हा-सा ,एकांकी फिरता हूँ, सब कुछ खोकर साथी, बेफिकरा लगता हूँ। मृग की में तिष्ण-सा,हर तरफा भगता हूँ, जीने और मरने में बस आहें  भरता हूँ। हर पल मैं,हर लम्हा तुमको ही […]

की ख़यालों में उजाला है वतन की शान वाला है, हुकूमत के गुरों की बंदगी आज़ान वाला है। नसीहत दे रहा है वो नसीहत को निभाएगा, कहे दुनिया भरोसे का अज़ी एहसान वाला है। मनाता है नहीं वो ज़श्न दिलों को जोड़ता है वो, कभी लंदन कभी यूरोप जाता मान […]

  तुझको ऐ ज़िन्दगी,इक रोज़ मैं छल जाऊँगा, मौत का हाथ पकड़  लूँगा निकल जाऊँगाl   सोने-चाँदी के हज़ारों से न सींचो मुझको, मैं ग़रीबों की दुआओं से ही पल जाऊंगाl   बंद मुट्ठी का भरम आप बनाए रक्खें, और कुछ रोज़ उम्मीदों में बहल जाऊंगाl   मत सुना चाँद सितारों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।