हे शिव शम्भू इस श्रावण में कैसे तेरा गुण गान करुं। भक्तों की लाशों पर चढ़कर कैसे तुझे प्रणाम करुं॥ निर्दोषों की बलि चढ़ाकर अत्याचारी मुस्काते हैं। तेरे मंदिर के रस्ते में मासूम गोली से भूने जाते हैं। हे शिव शंकर आतंकी मंसूबों को कैसे नाकाम करुं। भक्तों की लाशों […]
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फ़ूट डालकर,बाँटा हमको, भारत-पाकिस्तान में। अंग्रेजों ने,टुकड़े कर दिए प्यारे हिन्दुस्तान में॥ मैं हिन्दू,तू मुसलमां, वह सिख,वे ईसाई। जन्म लिया,भारत भूमि में जैसे हो भाई-भाई॥ स्वर्ग-सा सुन्दर,अपना भारत, क्यों बदला श्मशान में? अंग्रेजों ने,टुकड़े कर दिए प्यारे हिन्दुस्तान में॥ समाजसेवा के रूप में, फिर,राजनीति थी आई। क्षुद्र स्वार्थवश,धीरे से फिर […]