जान लें सही अर्थों में जिंदगी के मायने। क्योंकि पल भर पहले ही रही है जो जिंदगी, उलझते ही नियति के चक्र में सुपुर्दे ख़ाक हो जाती है। देखते ही देखते राख हो जाती है। यही है सच्चाई जीवन की, पर समझकर भी नहीं समझते हैं हम जिंदगी के मायने। […]
सावन का महीना,और पानी की बौछार, राखी का त्योहार और खड़ी मैं द्वार। भईया तुम आ जाना …………॥ रेशम के धागों से हमने राखी बनाई, धागे में चुन-चुन रंगीली मोती पिराई भईया,रखना मेरी इस राखी की लाज, और सूनी न रहे अब कलाई तेरी आज। भईया तुम आ जाना …………..॥ […]
तुझसे कैसी लगी यह लगन नहीं है चैन। मैं नाचूं नित्य होकर के मगन श्याम रंग में। पनघट पे गागर भरकर छवि निहारुं। बैठी आँगन पहरों इन्तजार मैं नित्य करुं। सदा सुनाना सजा साज को तुम गीत नेह के। कब तक तेरी बाट मैं तकूँ आता है रोना। जुल्मी ,सांवरे […]
मिल गई आजादी हमें- अपना राज करने की, अपनी जेब भरने की और मनमानी करने की॥ मिल गई आजादी हमें- जनता को मूर्ख बनाने की, जनता को फुसलाने की नई नीति बनाने की, झूठ-मूठ में बतियाने की॥ मिल गई आजादी हमें- सम्पत्तियां हड़पने की, ख़ामोखा खड़कने की किसी को भी […]
कक्षा में वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग ले रहे लड़के-लड़कियों का उत्साह बढ़-चढ़कर बोल रहा था। विषय था ‘आजादी के बाद प्रगति।’ लड़कियों का पलड़ा भारी था। वाद-विवाद प्रतियोगिता में हर पक्ष के सकारात्मक मुद्दे को अंक बढ़ाकर और नकारात्मक मुद्दे पर घटाकर अंक दिए जा रहे थे। अंत में निर्णायक-मंडल एक […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।