मुझे मालूम है कि वो मेरा नहीं है फिर भी, उसे पाने,नाकाम कोशिश किए जा रहा हूँ। मुझे पता है उसके बिना जी नहीं सकता, बेशक उसके बिना भी जिए जा रहा हूँ। वो मुझे मिलेगी एक दिन मुझे नहीं मालूम, फिर भी दिल को सब्र बंधाए जा रहा हूँ। […]
Uncategorized
परिदृश्य चाहे वैश्विक हो,राष्ट्रीय हो,सामाजिक हो या पारिवारिक हो-कुछ भी करने से पहले यह प्रश्न हमेशा सालता है कि-`लोग क्या कहेंगे ?` उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी और इसका हमारे मूल्यों,सिद्धान्तों और जीवन पर क्या असर पड़ेगा! चिन्तन का पहलू यह होना चाहिए-हमको लोगों के कहने की कितनी परवाह करना चाहिए,क्योंकि […]
