हौंसला हो पास जिसके,पंख की जरुरत नहीं, प्रीत का विश्वास संग हो,साथ की जरुरत नहीं। आस्था ने सदा जिसे,जीने का संबल दिया हो, हर दिवस खुशियाँ मिलें,मधुमास की जरुरत नहीं। दिल मिले न कभी,ख्याल भी हों जुदा- जुदा, साथ फिर भी चल रहे,अलगाव की जरुरत नहीं। एक हो मंजिल अगर,मुसाफिर […]
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संस्कृति,परंपरा,शिष्टाचार, सब गले-मिलें-बांटें प्यार। हृदय-हृदय में नेह पले, द्वार-द्वार एकात्म के दीप जले॥ छट जाएं तिमिर गहरे, घर-घर वेद-पुराण पढ़ें। स्वार्थ,लोभ,ईर्ष्या,द्वेष, फैले हुए क्लेश को हरे॥ आदि शंकराचार्य के मार्ग पर चलें, एकात्म की पावन धारा बहे। छोड़ अहम,वैचारिक स्तर को, एकात्म भाव ले,सब गले […]
