दिल से दिल मिलाकर देखो। जिंदगी की हकीकत को पहचानो। अपना अपना करना भूल जाओगें। और आखीर में एक ही पेड़ की छाया के नीचे आओगें। और अपने आपको तब तुम अपने आपको पहचान पाओगें।। छोड़कर नसवर शरीर, एक दिन सब को जान है। जो भी कमाया धामाया सब यही […]

मारने वाला हैं भगवान, बचाने वाला हैं भगवान। बाल न बांका कोई कर सके, जिसके रक्षक है कृपा निधान।। जल थल है उसके आधीन, भू गगन है उसके आधीन। सूर्य चंद्र करे उसने निर्माण, तारे नक्षत्र करे उसने निर्माण। उसकी शक्ति है सबसे महान, मारने वाला है भगवान, बचाने वाला […]

पहले कहावत हुआ करता था धन-धरती की लूट है लूट सके तो लूट, अंतकाल पछतायेगा जब प्राण जायेगी छूट। लेकिन अब तो धन धरती की लूट की बातें पुरानी हो गयी। अब तो जिसे देखो ऑक्सीजन लूटने में लगा हुआ है। दमोह के एक अस्पताल में जैसे ही ऑक्सीजन पहुंचाने […]

गोरे मुखड़े पे घुंघराले बाल मैया जी बड़ी प्यारी लगे शचि साहित्य संगम संस्थान के योगशाला मंच पर 19 अप्रैल 2021 सोमवार को चैत्र नवरात्रि पर आनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया गया देश के कोने-कोने से सम्मिलित कवि व कवित्रियों के द्वारा काव्यपाठ कर कार्यक्रम को सफल बनाया,इस कार्यक्रम के […]

राम को पूजने वालों अब धरा पर राम नहीं आयेंगे तुम्हें ही बनना होगा राम । अपनी प्रजा के एक प्रश्न की खातिर अपनी प्रिया को त्यागने वाले श्रीराम बनना होगा तुम्हें। अपनी मां को दिये वचन को निभाने की खातिर सत्ता सुख को त्याग कर वन प्रस्थान करना। स्थापित […]

थाल पूजा का लेकर चले आइये। राम का मंदिर यहाँ पर बना। आरती के दियो से करो आरती। और पावन सा कर लो ह्रदय अपना। थाल पूजा का लेकर चले आइये।। मन में उमड़ रही है ज्योत धर्म की। उसको यूही दबाने से क्या फायदा। राम के बुलावे पर भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।