देश अपना वेश अपना, हर ओर परिवेश अपना। जमीं आकाश अपना है, मुक्त उड़ान भरो नभ में… पूरा करना अब सपना है॥ छोड़कर छोटी बातें अब, सृजन का पथ संवार लो। देश धरा पर बिखरी हुई, सब संपदा संभाल लो॥ संस्कृति की शालीन धरोहर, संस्कारों के अमूल्य मोती। चमक रही […]

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दर्द सीने में वो, हर पल झेलता रहा। वो  बहादुर  सैनिक था, जो रातभर लड़ता रहा..॥ देख रहे थे सब, बहादुरी उसकी। वो दुश्मनों के बीच, गोलीबारी से खेलत‍ा रहा..॥ ताकत थी उसमें तो, दुश्मनों से भिड़ गया। वो था बहादुर सैनिक, जो तिरंगे के आगे झुक गया॥       […]

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संस्कृतियाँ मिट रही है,सभ्यताएँ हो रहीं हावी। संसार मिट रहा है,सम्बन्ध भी मिट रहे भावीll अपने अपनों पर,ढा रहे हैं ज़ुल्म। बेटी पर पिता का मंजर,ऐ क्या हो तुमll तुम दशरथ-तुम जनक,हिरण्यकश्यप थे तुम। तुम सरल-तुम सह्रदय,श्राप और पाप तुमll तुम वह होकर भी,पिता हो। मृत्यु श्राप न होकर,तुम भाग्यविधाता […]

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उस दिन बन्द कमरे में हो रही उनकी बातें अधखुली खिड़की से सुनी,तो मैं दंग रह गया। अन्दर से खाली होता जा रहा था, अज्ञात भय सालने लगा। बेटे अखिलेश की शादी हुए अभी दो ही साल तो बीते हैं। काफी सोच-विचार कर भरे घर की बेटी को बहू बनाकर […]

आओ विकसित देश बनाएँ, ‘दृष्टि दो हज़ार बीस’ अपनाएं। सुंदर प्रकृति को हम बचाएं, गीत खुशी के मिलकर गाएँ। मरुस्थल के हम शूल हटाएँ, श्रम कर हम अन्न उपजाएँ। हरियाली चहुँओर फैलाएं, रंग-बिरंगे सुमन खिलाएँ। सागर को भी लांघ जाएं, प्रगति पथ पर बढ़ते जाएं। अपना हुनर भी दिखाएं, विकसित […]

आना-जाना,कभी चले जाना, कभी रुक-रुक के देखते जाना; झाँकना और कभी चल देना, करते हो क्या कमाल तुम कान्हा। कान में कह के कभी चल देना, ‘तुम्हीं हो ब्रह्म समझ यह लेना’; लेना-देना कभी न कुछ करना, बिना माँगे ही कभी दे देना। उर में जो चाहा वह समझ लेना, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।