गिरकर उठने में माना,थोड़ा वक्त लगता है, टूटे दिल को संभलने में,थोड़ा वक्त लगता है। शक न करना कभी,मेरे मजबूत इरादों पर, आँधियों में दीप जलाएं,थोड़ा वक्त लगता है। यह तो सच है फैली है देश में,आतंक की बेल, आतंकियों को मिटाने में,थोड़ा वक्त लगता है। बोए हैं बीज कुछ […]

(स्वामी विवेकानंद जयंती विशेष) युगपुरुष,वेदांत दर्शन के पुरोधा, मातृभूमि के उपासक,विरले कर्मयोगी, दरिद्र नारायण मानव सेवक,तूफानी हिन्दू साधु,करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत व प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद का जन्म १२ जनवरी १८६३ को कलकत्ता आधुनिक नाम कोलकता में पिता विश्वनाथ दत्त और माता भुवनेश्वरी देवी के घर हुआ था। दरअसल यह वो […]

भाषणों का जहर घुला था, मनभावन एक शहर जला था। हो रही थी अनर्गल बातें, जय जयकारों का शोर मचा था। फिर शब्दों के बाण छूटे, और द्वैष की एक लहर उठी। जैसे शांत खड़ी उस भीड़ की, संयम की मर्यादा टूटी। कल तक जो भाई थे, उन पे भाई […]

डर अंधेरों का कुछ भी सताता नहीं, साथ मुझको उजालों का भाता नहीं। अक्स जबसे मिरा आइना हो गया, ये जमाने से कुछ भी छिपाता नहीं। मुझको जिसका तसव्वुर रहे रात दिन, रूबरू इक घड़ी को भी आता नहीं। दिल मे खंज़र  चुभा है मगर दोस्तों, ज़ख्मे-दिल मैं किसी को […]

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मैं अपने मर्म की बात अपने होंठों से कैसे कहूं ? हालांकि !, मौन मेरी  भावनाओं की मुखरित भाषा है। फिर! मेरे शब्दों का शोर और तमाशा क्यूँ न बने, जब……………। कभी न थकने और थमने वाली,मेरी हिन्दी भाषा है॥ नवयुग की आवाज़ है हिन्दी,संवाद मेरे हैं  बेहतर, हिन्दी मेरी […]

(स्वामी विवेकानन्द जन्मदिवस ,युवा दिवस विशेष) उठो देश के भावी युवाओं हिन्द ने तुम्हें बुलाया है, लक्ष्य से पहले रुको नहीं तुम,मार्ग ये हमको दिखाया है। देश को जिसने विश्व पटल पर गौरव मान दिलाया है, विश्व युवा उस विवेक आनन्द का आज जन्मदिन आया है। उठो देश के भावी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।