पिता,बेटे के होंठों पर मुस्कान करते हैं, मुश्किलें सारी आसान करते हैं। पिता होते है भगवान स्वरूप, जिसपे हम अभिमान करते हैं। मौजूदगी से महकता है घर-आंगन, पिता का हम गुणगान करते हैं। पिता की मेहनत से बनते हैं हम काबिल, पिता के दम से ही हम नाम करते हैं। […]

तुम पतंग मैं धागा, भाग्यवान तुम मैं अभागा, कर्तव्य निभाया दृढ़ता से तुमने, मैं भागा तुम पतंग, मैं धागा। अपनी निष्ठा शिष्टाचार से, अपने सुलझे विचार से, अपनों के सहे वार से, अपने सुंदर परिवार से भूखा न जाने दिया द्वार से, इन्हीं सद्कर्मों की वजह से आपको काट,कोई धागे […]

जिसे निभा न सकूँ, ऐसा वादा नहीं करता…।  मैं बातें अपनी हद से, ज्यादा नहीं करता…॥    तमन्ना रखता हूं,  आसमान छू लेने की…।  लेकिन औरों को गिराने का,  कभी इरादा नहीं रखता…॥    जीवन के हर मोड़ पर,  सुनहरी यादों को रहने दो।  जुबां पर हर वक्त,मिठास रहने दो,  […]

पिछले दिनों देश के एक प्रमुख समाचार चेनल पर एक कार्यक्रम में सेना के एक प्रमुख रेजीमेंटल ट्रेनिंग सेन्टर के प्रशिक्षु सैनिकों के मोबाइल्स को उन्हीं जवानों की आँखों के सामने पत्थरों से तोड़ते हुए दिखाया गया है। एक लोकतांत्रिक देश में और संचार क्रांति के युग में प्रशिक्षणरत रिक्रूटों […]

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आपसे मिलिए,आप हैं श्री लच्छू उस्ताद…जाति से ब्राम्हण, बरसों से चुंगी नाके की नाकेदारी करते-करते सभी को निकट से पहचान लिया है इन्होंने। चेहरा अब भी रोबीला,मूंछों पर वही ऐंठन और ठसक ऐसी कि,क्या कोई थानेदार रखेगा ? जबान पर लगाम है,मन पर काबू हैl दसवीं किताब उस समय की […]

एक मृदुल वायु का झोंका मुझे इस कदर छूकर निकल गया, कि मेरा ध्यान एकाएक वहीं स्तब्ध रह गया, मेरे रूह को इतना प्यारा अनुभव पहली दफा हुआ था, जो बरबस ही सोचने पर मजबूर कर दिया, कि वह जादू भरी पवन मेरे जेहन में किसका एहसास दिलाने का प्रयास […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।