चिरागां आंधियों में जल रहा है, चलो कुछ तो अंधेरा ढल रहा है। सुदिन है चांडालों तस्करों का, शरीफों का बुरा दिन चल रहा है। अगर हम खा रहे हैं एक में ही, हमारा घर तुम्हें क्यों खल रहा है। शनिश्चर आ गया है अब वहां भी, अभी कल तक […]

अजनबी पर कभी एतबार मत करना। दिल को कभी यूँ बेकरार मत करना॥ दिल्लगी के लिए इजहार मत करना। दिल दुखाने का विचार मत करना॥ स्वार्थ के लिए कभी प्यार मत करना। दिल को कभी तार-तार मत करना॥ दिल साफ न हो करार मत करना। दोस्त बनकर कभी वार मत […]

फिर परिहास हुआ देखो,इस भारत की माटी में। गिरगिटों ने रंग बदले,क्या फिर उसी परिपाटी में॥ झंडे के रंगों ने क्या फिर,अपनी फ़िज़ा बिगाड़ी है ? या इसके पीछे भी साजिश,अब कोई लगती भारी  है ? ? बाप से ज्यादा पड़ोसी अब,हमको प्यारा दिखता है ? तिरंगे में भी अब […]

मेरी गुरु जिंदगी, उसी ने सिखाया मौन की कीमत, शब्द की सीरत उसी ने दिखाया, अंतर का भाव बाहर का भराव, उसी ने समझाया अपना कौन ? पराया कौन ? उसी ने चुने अंधेरे भी, उजाले भी और मैंने, एक आज्ञाकारी शिष्या बन मानी हर सीख। मुझे माँजा उसी ने, […]

६९ वें गणतंत्र दिवस पर,  भारत माता को मेरा नमन  मातृभूमि तुझको नमन, हे मातृभूमि तुझको नमन यशगान करते धरती-गगन। स्वर्ग-सा संवरा हुआ यह, प्यारा-सा अपना वतन।   हैं फूल इसमें भिन्न-भिन्न, पर एक में बिंधे हुए हैं। खुशबू मिलती एक-सी, हम एक संग गुंथे हुए हैं।   मुकुट बन […]

******************************** हिमालय की उपत्यका में गंडक नदी की यह तटवर्ती भूमि वैदिक युग में अनेक ऋषि-मुनियों एवं संत महात्माओं की साधना स्थली रही। प्राचीन काल में यह भूभाग लिच्छिवी गणराज्य के अंतर्गत था जहां प्राचीन भारत की सभ्यता और संस्कृति का अभ्युदय हुआ। कालांतर में यह भू-भाग मगध साम्राज्य के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।