आज हर शाम तन्हा गुजर जाती है, किसी की याद में आंखे भर जाती है, बेचैनियों में काटती है मेरी राते, हर रात तन्हा गुजर जाती है, कोई शामिल नही मेरे दर्द में तेरे सिवा, अब हर कोई गैर नजर आता है, कोई रूबरू हो अगर मेरी ज़िंदगी की कहानी […]

तू सपने दिखाती  थी कहानी सुना-सुनाकर कहाँ चली गई हो अब मुझे इस तरह भुलाकर। पर लगता है मुझे ऐसा तुम सपनो में आती हो ममता को बिखेर कर प्रेम संगीत सुनाती हो। तपी धूप की जिंदगी में तुम छाँव कर जाती हो नफरत की हर जगह में प्रेम ठाँव […]

ऐसा पहली बार हुआ कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों को लेकर काफी बदमजगी फैल गई। राष्ट्रपति, सूचना मंत्री और फिल्म कलाकारों- तीनों के आचरण विवाद के विषय बन गए। ये 137 पुरस्कार ऐसे फिल्मी कलाकारों को दिए जाने थे, जिनकी फिल्में लीक से हटकर हैं। वे बाॅक्स आफिस हिट करनेवाली नहीं […]

तन की सुंदरता क्षणिक है मन की सुंदरता अविराम तन को लेकर अहंकार कैसा फिसलती रेत ही जान जो आज है वह कल नही फिर तो यह तन भी नही आत्मा सदा ही रहती अमर तन तो वस्त्र है कितने ही बदल देहभान छोड़कर विदेही बनो परमात्मा के प्यारे बच्चे […]

काश ! मैं भी ले पाता… परीक्षा की परीक्षा.. कसता उसे हर कसौटी पर जाँचता.. उसकी सच्चाई ज्ञान, योग्यता.. मैं भी दे पाता उसे अंक, निकालता उसका प्रतिशत. हानि लाभ. गुण अवगुण.. उसको भी मिलता.. अनुक्रमांक.. वो भी लगती लाईन में.. बैठती .. कतारबद्ध. उसे भी मिलता जीवन का प्रश्नपत्र […]

कभी jnu तो कभी amu, कभी कश्मीर तो कभी up अजब देश का हाल है केसी सियासी चाल है। कोई न समझ सके जिसे, तू ही वो नाम है। अब तो लगता तुभी शरीक है क्यो नही हुआ अभी कोई फ़क़ीर है। गर रही यही हालत तो , विपक्ष की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।