रिवाज़ सा हो गया है आजकल बात- बेबात पर नाराज रहने का। यह नाराजगी होती है , कभी अच्छी तो कभी देती है पीड़ा अधिक पर मैं इसे हमेशा सुखद ही मानता हूँ । चलता है इससे मन में रूठने और मनाने का द्वंद जो उपजाता है -अंततः करुणा परिणित […]
करता हूँ तुझसे ये वादा तुझे न मैं भुलाऊँगा तू जाये जितनी मर्तवा रूठ तुझको मनाऊँगा। करता हूँ तुझसे ये वादा तुझे न मैं भुलाऊँगा। माना है तेरी आदत बहाने सौ बनाने की बात हर बात पर लड़ना बेबज़ह रूठ जाने की तू जाये जितनी मर्तवा रूठ तुझको मनाऊँगा। करता […]
पायल,दिव्य पद कमल वे दिव्य-देवी प्रमान् की। जानकी हर ली दशानन बाजी लगादी जान की। हाः राम,हाः लषन, वीर हर ली ये रावण पातकी। मानी न, आन लषन की दोषी बनी निज जानकी। क्रोधित जटायू भिड़ रहा ले जाने न दे माँ जानकी। जानकी हित ‘पर’कटाये परवाह नहीं की जान […]
हत्या,लूट,बलात्कार बढ़ रहे जीवन मूल्य जीवन से घट रहे जिन बच्चियो को मानते है देवी उनपर ही अत्याचार हो रहे घोर कलियुग की पड़ी है छाया पाप दिन प्रति दिन बढ़ रहे धैर्य,दया,सेवा सब भूले आस्तीन मे देखो सांप पल रहे गलत करते भी कांपती नही रुह स्वार्थ मे ऐसे […]
जलियांवाला बाग़ कांड का दायी डायर निहत्थे निर्दोषों का हत्यारा था उस जालिम जनरल को सरदार उधमसिंह ने लंदन जाकर मारा था जो किये हैं साध्वी प्रज्ञाजी पर ज़ुल्म जिसने भी, हिसाब तो उन्हें भी देना होगा जिंदा जो भी बचे ज़ुल्मी, आत्मग्लानि में तिल तिल कर मरना होगा “अंत […]
कविता के संबंध में मेरी मान्यता है कि कुछ लोग कविता लिखते हैं, कुछ लोग कविता पढते हैं और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कविता को जीने की वस्तु समझते हैं। कवि रूपेश कुमार तीसरे प्रकार के व्यक्ति हैं। विगत कुछ महीनों से उनकी कविताओं पर मेरी दृष्टि अनवरत […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।