शांत धरा के सीने में धधकते हुए कई ज़ख्म हैं पर क्यूँ इसकी हालत से आज बेखबर से हम हैं हवा जहरीली पानी दूषित हर तरफ फैला है प्रदूषण मानव के स्वार्थ के कारण प्रकृति का ह्रास हो रहा भीषण कब तक सहती रहेगी प्रकृति इसका क्रुद्ध होना तो तय […]
भीड़ से निकल कर किसी से मैंने पूछा , कहाँ जा रहें है हम ? उसने कहा, पूछ कर बताता हूँ, मुझको भी नहीं पता, हम कहाँ जाते हैं? मैंने दूसरे से पूछा , आखिर हमारी मंजिल कहाँ है? उसने कहा, मुझको भी नहीं पता, मंजिल अपना, पूछ कर बताता […]
तू है मेरा सनम, मुझे लागी लगन, बस इश्क है तुझसे तुझसे सनम। इसकी मुझको खबर, पर लगता है डर, दूर हो न जाए ,मुझसे मुझसे सनम । बेताबियाँ दिल की बे खौफ करने लगी, अब दूरियाँ दिल को खटकने लगी। यही मेरा है हाल ,पर बताऊँ किसे, तूने भी […]
रात की बाहों में,मेरे हिस्से की क्यूँ नींद नही। फलक के तारों में जलती कोई उम्मीद नही।। मैं रात काट रही हूँ कि मौन है तो मेरे साथ, फिर भी खामोशी की दुनिया हुई रंगीन नही।। है एक नाम जहां में जो नही देता सुकूँ मुझको, उसकी चाहत का सफर […]
आओ ! पौधे लगाएं अपनी धरा को सुंदर बनाएं वातावरण को स्वच्छ बनाएं आओ मिलकर पौधे लगाएं घर-आंगन में जूही, बेला, गुलाब, चम्पा और चमेली लगाएं अपने आस-पड़ौस में पौधे लगाएं नीम, बरगद और पीपल लगाएं पलाश, अमलतास और गुलमोहर से गांव-शहर को ख़ूब सजाएं आओ हम सब मिलकर पौधे […]
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून पर समर्पित धरती माँ , की आँख में , आँसू , वो चीख-चीख , कर कहती है । क्यों , जहर मुझमे , घोल रहे हो , मुझमें , सारी दुनिया रहती है ।। तुम थोड़े से , लोभ-लालच में , कल-कारखाने, चलाते हो । […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।