2122  1212  22 मयकदे की शराब हो जाते आप थोड़े ख़राब हो जाते ******* ख़ार होते नहीं जो दामन में। आप बेशक गुलाब हो जाते। ******** कनखियों से जोे देखती तुमको। उस हसीं का हिजाब़ हो जाते। ******** जिसमें क़लमा रहे मुहब्बत का। ऐसी कोई किताब…  हो जाते। ******* इक […]

हमेशा जो महत्व है, शादी में दुल्हन का, सर्वदा वही महत्व है, शादी में लाल रंग का। लाल रंग प्रतीक है, आपस में प्यार का, यह एक प्रतीक है, साहस,ताकत के संग, प्रेम और सौंदर्य का। इसलिए! दुल्हन का जोड़ा लाल, दुल्हन का सिंदूर लाल, दुल्हन की मेहँदी लाल, दुल्हन […]

कभी कभी सोचता हूँ, मैं मन में विचरता हूँ। ये हम कहाँ जा रहे हैं, क्यों? हम खुद को भुला रहे हैं। क्योंकि! आज भी धरती वही है, आज भी सूरज वही है, आज भी वही तारे हैं, आज भी वही सितारे हैं, केवल बदले हमारे नजारे हैं, केवल बदले […]

रुड़की  | प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मीडिया प्रभाग द्वारा आयोजित नेशनल मीडिया सम्मेलन मे कोटा राजस्थान के ब्रह्माकुमार बलदेव भाई व उत्तराखण्ड से स्पीकर के रूप मे भाग लेने वाले  रुड़की के वरिष्ठ पत्रकार श्रीगोपाल नारसन ने कन्ज्यूमर बुलेटिन के सम्पादक फिरोज अहमद को उनकी उल्लेखनीय सेवाओ व […]

आज विश्व-पर्यावरण दिवस है। आज का विश्व किसका बनाया हुआ है ? अमेरिका का। एक भौतिकवादी ओर उपभोगवादी अमेरिका का ! वह भारत को क्या सिखाएगा, पर्यावरण की रक्षा ! उस भारत को, जिसमें बच्चों को सिखाया जाता है कि सूर्यास्त के बाद फूल मत तोड़ लेना, क्योंकि पौधे मनुष्यों […]

जन्म दिवस पर गुरू माँ को वंदामि हमारा जन्मदिवस आज मनाएँ प्यारी माँ तुम्हारा जिनशासन का प्यारा फूल सबसे सुंदर न्यारा हम सबको लगता है गुरू माँ का चेहरा प्यारा खुशियों भरा हर पल हो यही अरमान हमारा जन्म दिवस—————- श्री निर्मल सागर जी के चरणों में शीश झुकाया पिच्छी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।