श्रीराम तुम्हारे श्रीचरणों में, मैं नित-नित शीष झुकता हूँ। मैं नित-नित शीष झुकता हूँ, अपनी बातें बतलाता हूँ। मुझे कष्ट हजारों हैं राघव, जिन्हें तुम्हें बताने आता हूँ। मन की अभिलाषा को तुम, भले!दरकिनार कर जाओ, मुझे राम राज्य की चाहत है, तुम फिर से राघव आ जाओ, इस धरा […]

अब नहीं , रहा विश्वास , सब के सब है , धोखेबाज़ । मुँह में राम , बगल में छुरी , गिराते , एक दूजे पे गाज़ ।। कैसे करे , विश्वास ,बताओ , छल-कपट , का साया है । चाहे , कुछ भी हो जाए पर , चाहिये , […]

बहुत बार हुआ ऐसा कि तुम आकर भी आये ही नही। कितने गिले,कितने शिकवे,जो तुमने बतलाये ही नही। बहुत से उल्झे सवाल है हमारी जिंदगी मे यू तो, पर कभी हम दोनो ने ये सब सुलझाये ही नही। बहुत राज है  हमारे सीने मे दफन अतीत के, पर उन पर […]

आधुनिक युग की चादर तूने ओढ़ी है बेटी परंपरा से चली आ रही बेटी की मर्यादा लाँघि है – बेटे भी शर्मा रहे है , मजबूर हो रहे है – तेरे स्वार्थ के आगे । जब तुम बाबुल के घर आती हो , कितनी खुश हो जाती हो – भाभी […]

दोहा पुरूष पिता राजा बनें, परम पिता परमेश। पुरुष सृजन सृष्टि करें नशते सभी क्लेश।।    पिता-चालीसा    (चौपाई छंद)              १ पिता रुप मे महिमा भारी। निशदिन गाती सृष्टि सारी।।                  २ परम पिता परमेश्वर कहते। सबके […]

काश तू किसी इंसान के घर पैदा होता ना तू कभी हिन्दू होता ,ना मुसलमाँ होता ।। तू क्यों खुशनुमा विविधता को तोड़ रहा स्वार्थ को क्यों देश भक्ति से जोड़ रहा। यहां पल पल लोग कण कण में टूट रहे हैं लोग धर्म के आड़ में क्षण क्षण में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।