एक बार हिन्दी अपने घर मे बहुत ऐस्वर्य से रह रही थी. हिन्दी का बहुत बड़ा  साम्राज्य था. हिन्दी अत्यंत उदार थी. उसकी भावनाए अत्यंत उच्च थी. “वसुधैव कुटुंब ” और “अतिथि देवो भव “उसके सिधान्त थे. हिन्दी की ख्याती दूर -दूर तक थी दूर परदेश मे अंग्रेजी रहती थी […]

भीषण गर्मी व्याकुल बनाती अच्छो अच्छो को पसीने लाती तन पर कपड़ा भी चुभने लगा पंखा,एसी सब भाने लगा ठण्डी जगह घूमने जाते छुट्टियों का लुत्फ़ उठाते पर मजदूर मजदूरी कर रहा है पसीना पसीना हो रहा है महंगाई भी पसीना बढ़ा रही जीना मुश्किल बना रही परमात्मा सरकार को […]

पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में इंटरव्यू देने के लिए पहुंचा…. छात्र ने बड़ी आसानी से पहला इंटरव्यू पास कर लिया… अब फाइनल इंटरव्यू कंपनी के डायरेक्टर को लेना था और डायरेक्टर को ही तय करना था , कि उस […]

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आज मैंने फिर एक पौधा लगाया, पर मुझे आज एक अलग ही मजा आया, पत्तों ने किया जैसे हिल कर अभिनन्दन, याद दिला रहें हों, जो है हमारा अटूट बंधन। कुछ दिन तो, पौधा जैसे कहे , रखो मेरा ख्याल, फिर सारी उम्र रखूंगा, मैं तुम्हें संभाल, दूंगा मै तुम्हें […]

हमेशा की तरह ही त्रस्त हैं लोग सूखते रिश्तों से आँखों के घटते पानी से और गिरते भू जल स्तर से । रिश्ते और पानी जीवन है । इनका निरंतर घटते रहना सिर्फ घटना ही नही है , यह है हमारी उस प्रवृत्ति का प्रतिफल जिसने हमे बना दिया है […]

मेरी दिन रात की मेहनत, तो अब बेकार नहीं होगी, मुझे ईश्वर पर भरोसा है, कभी मेरी हार नहीं होगी। मैं दिल से काम करता हूँ, मैं संग हरिनाम जपता हूँ, मेहनत के बदौलत तो मैं, हर अवरोध से लड़ता हूँ, मेरे सर पर हाथ माँ का है, पिता का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।