आज मन की बातें उठे विचार . भारत हिंदुस्तान बना. अखंड भारत को हमने सिन्धु प्रान्त माना.  विदेशी जो भी दें , उसे मानना ही हमारा गर्व. माँ को मम्मी, पिता को डैडी यह सीखने २५०००/ साधारण स्कूल में. बच्चा भूल से पिता कहें , तो पच्चीस हज़ार बाढ़ में.. […]

अपने पिता का अंतिम संस्कार कर लौट रहे सिद्धार्थ की आँखों से अविरल धारा वह रही थी । वह अपने साथ वापस हो रही भीड़ के आगे – आगे चल जरूर रहा था पर उसका मन उसी तेजी से पीछे भाग रहा था।  साथी उसके कंधे पर हाथ रखकर सांत्वना […]

चुपचाप ! चुपचाप ! बिना आहट के सजाते जीवन महकाते घर की बगिया.. मन-उपवन ! बचपने में हम.. थामकर उंगलियाँ.. चलते, गिरते, उठते सीखते बोलियाँ, कितने शान्त रह जाते आप.. चुपचाप ! चुपचाप ! गूँजती किलकारियाँ सुनकर हँसते.. खुश होते.. आँसू भरकर जीवन का पाठ गोदी में ले.. समझाते, पढ़ाते […]

गर जीवन में आज छाई है बहार, तो पिता ही है इस मूल का आधार. उंगली पकड़ चलना है सिखाया, पर कंभी न छोड़ा हमें बीच मझधार. माँ सुनाए लोरी रात लाख मगर, तर्ज पर पिता का भी है अधिकार. ज्ञान अक्षरों का हमें कराया, कभी न जताया इसका आभार. […]

राणा उदयसिंह , के सपूत , थी , उनकी राजपूती शान । आओ ! मिलकर सब करें  , महाराणा प्रताप , का सम्मान ।। राणा प्रताप , का नाम सुनके , दुश्मन , सारे घबराते थे । अकबर , तो सपने में डरता , शेरों , से वो , दहाड़ते […]

राहुल गांधी देश और राज्यों में सबसे लम्बे अरसे तक हुकूमत करने वाली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। वे एक ऐसे ख़ानदान के वारिस हैं, जिसने देश के लिए अपनी जानें क़ुर्बान की हैं। राहुल गांधी के लाखों-करोड़ों चाहने वाले हैं। देश-दुनिया में उनके प्रशंसकों की कोई कमी नहीं है। लेकिन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।