बेटियों को समर्पित एक रचना(एक प्रयास) एक पिता अपनी बेटी का मार्गदर्शन करता है— कूद पड़ दुनिया की दरिया में तू , मत सोच क्या-क्या करना होगा । निकलेगी तू खुद को तरास कर , लहरों की थपेड़ों को भी तुझे सहना होगा ।। 1 ।। फत्तियाँ कसने दे कुछ […]
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को मैं बधाई दिए बिना नहीं रह सकता। अब वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का नाम बदलकर उच्च शिक्षा आयोग कर रहे हैं। इसका नाम ही नहीं बदलेगा, अब इसका काम भी बदलेगा। जहां तक नाम बदलने का सवाल है, मानव संसाधन मंत्रालय का नाम […]
कबीरा खड़ा बाजार मे मांगे सबकी खैर न भाजपा से दोस्ती न कांग्रेस से बैर कबीर जो समाज सुधारक रहे कट्टरपंथियो को फटकारते रहे हिन्दू मुस्लिम दोनो के है प्यारे आज भी है वे दिल के तारे मगर राजनीति डायन हो गई मगहर पर ही राजनीति हो गई कबीर […]
भारत भी कितना विचित्र देश है। देश के लगभग सवा सौ करोड़ लोगों पर सिर्फ ढाई लाख लोगों की हुकूमत चल रही है बल्कि यह कहें तो बेहतर होगा कि सवा सौ करोड़ की छाती पर ढाई लाख लोग सवार है। यदि ऐसा है तो यह तो लोकतंत्र का भुर्त्ता […]
दिल के हाथों बहुत मजबूर हैं हम। न चाह कर भी ,तुमसे दूर हैं हम। आँख भर के जो उसने एक बार देखा बस,उसी मस्ती में चूर हैं हम। ढूंढ ही लोगे पल मे तुम हमको बदनाम होकर भी मशहूर हैं हम। लाख कोशिशो के बाद भी न भरे ऐसे […]
भारत देश पुनर्निर्माण के दौर से गुजर रहा हैं, जिसमें तरक्की की गगनचुम्भी इमारतों से लेकर सरपट दौड़ती बुलेट ट्रेन का स्वप्न, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के सहारे देशवासियों के लिए आधारभूत सुविधाओं को जुटाना, राष्ट्रीयता की स्थापना से लेकर आतंक से मुक्ति का महा मृत्युंजय मन्त्र भी जपा जा […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।