तुम मेरी मधुर रागिनी पर मै तुम्हारा मौन हूँ विस्मृत हो मत देखना कि मैं तुम्हारा कौन हूँ । चकोर की चाहत तुम बनो मैं तुम्हारा व्योम हूँ चाँदनी सी उज्वला तुम और मैं तुम्हारा रोम हूँ । नीलाभ्र नभ में बगुलों की पंक्तियों में खोजता हूँ नृत्यांगना मयूरी सी […]

देश के स्वाधीनता दिवस पर एक नेता अपने भाषण के बाद कबूतरों को खुले आसमान में छोड़ रहा था। उसने एक सफ़ेद कबूतर उठाया और उसे आकाश में उड़ा दिया, श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट से मंच गूँज उठा, तभी आसमान में विपरीत दिशा से एक काला कबूतर उड़ता हुआ […]

जिंदगी के खेल में मात हुई, तजुर्बा तो हुआ। उन्हें हम से चाहत नही, फैसला तो हुआ। वो कुबूल करे के न करे,ये उन की है मर्जी, हर अंजुमन में, मौहब्बत का चर्चा तो हुआ। अब भी आते है उन के ख्वाब पिछले पहर, वो दिल से दूर नही, नजर […]

आँखो को नम करके माता, स्वामी से यह बोली हैं। सोना चांदी पास नही हैं, ना ही चावल रोली हैं।। घर में नही हैं रूपया पैसा, हाल बहुत बेहाल हैं। पीले हाथ बेटी के कैसे, करूं यह बङा सवाल हैं।। मार नही सकता बेटी को, कैसे पीले हाथ करूं। लङके […]

तुम्हारी नीली आंखें कभी कभी मुझको लगती है उस असीम नीले आसमान की तरह जो अक्सर मुझे अपनी आगोश में ले लेती हैं तुम्हारी नीली आंखें कभी कभी मुझको लगती है इस अगाध नीले समंदर की तरह जिनकी लहरों पर छितराता रहता हूँ मैं ये आंखें आसमान है या नीला […]

भारत  की  सच्ची  तस्वीर  दिखाता कौन है सड़को  में  सो  रहे  हैं  लोग बताता कौन है क्या  ऐसे  ही  बदल  रहा  है मेरा हिंदुस्तान गरीबों को मरहम अब लगाने आता कौन है धर्म -जाति के नाम पर इन्हें कौन  बांट रहा सोई  उम्मीदों  की  किरण  जगाता  कौन है लुटेरे वतन  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।