सुनो सुनो रे भाई मद्यपान अंधियारा लाई जिस शरीर में यह पहुंच जाए, नाड़ी मंडल झंकृत हो जाए । नस नस खिंचाव बढ़ जाए, निष्क्रिय चेतना शून्य हो जाए । जीवन ऐसा अभ्यस्त हो जाए , बिन इसके तन सुध न पाए। नशे में ही सारे सुख पाए , सारी […]

अभिवादन करना किसी का है खुशी का ही काम दूसरे का मान बढ़ता खुद को मिलता सम्मान मन मे दुसरो की इज्जत होती गुण बढ़ता निरहंकार स्वयं को छोटा समझने से व्यक्ति बनता सदा महान पर जो अभिवादन पाकर भी पचा न पाये अपनेपन को अहंकार के वशीभूत रहकर उपहास […]

  देश को आजाद कराने के लिए यूं तो असख्ंय राष्टृभक्त वीरो ने अहम भूमिका निभाई थी। इन वीरो ने अपने प्राण न्योछावर करते हुए देश की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया था। इन राष्टृभक्तो में युवा भी थे,महिलाए भी थी और बुजुर्ग भी थे ।जिनकी कुर्बानी आज भी भारत […]

कविता में संवेदना और प्रेम की नदियाँ बहती है | सच्चा कवि-रचनाकार वो है जो किसी भी स्थान या जगा की परवाह किये बिना कविता की रचना करने में ही रस होता है | कितने लोग कविता पढने की टालते है | किसी को कभी कभी कविता सुनने में भी […]

संसद की गरिमा आज इतनी लाचार है उसके ही नुमांइदे करते आज उसका बलात्कार है। गूंजती थी कभी जहां,  पुरोधाओं की गंभीर -वाणियां. आज है वहां केवल,  कर्ण- कटु-भद्दी गालियां। खेल-घर है , खेलते सब,  जाति- धर्म के कार्ड से. गरीब- दलित-आरक्षण की,  होती बहुत कबड्डियां। सर्वोच्च -पद भी अब, […]

करते है भाई करते है,सब अपना अपना काम। चाहेगा जब ऊपर वाला,तभी होगा तेरा नाम।। नंगे पांव धूप में दिन रात करते है कुछ लोग काम। कुछ लोगो की किस्मत में धन बहुत,चाहे करे वो आराम।। भाग्य जब तेरे साथ में,धन संपत्ति आएगी आपार। भाग्य धोखा दे अगर,कुछ भी न […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।