दिल्ली की चौखट पे आज, संविधान बना फरियादी है ये कैसी आज़ादी है भाई, ये कैसी आजादी है।। कोई संविधान को जला रहा, कोई नियम अपने चला रहा कोई हक सबका छीन रहा, कोई देश लूटने में लीन रहा और देश को विकसित करने की, करवाते रहे मुनादी है ये […]
आरक्षण नाम तो सबने सुना ही होगा एक शब्द छोटा सा है। जो कि दलितों को आगे बढ़ाने में बहुत ही सहायक हैं। आरक्षण किसी का भी पुश्तैनी हक नही है और ना ही विरासत है! अब सवाल ये उठता है कि आरक्षण का क्या सदुपयोग हो रहा […]
मां की मै नाजों की पाली, मै पापा की लाडली.. उड़ना चाहूं दूर गगन छूना चाहूं आसमान चाहूं हिरनी सी भरूं कुलांचे, कभी मोरनी चाल चलूं.. कभी तितलियों संग भागुं मैं, फूलों संग कभी सवाल करूं.. पूछूं क्यों खिलते हो तुम, जब अगले दिन मुरझाते, अपनी सुन्दरता खोकर […]
स्वतंत्रता शब्द ही ऐसा है जिसमे एक उमंग छुपी है खुल के जीने के मायने, खुल के अपनी बात कहने की स्वतन्त्रता,विचारो को अभिव्यक्त करने की छूट,लिखने की छूट, पढ़ने की छूट,अपने आप को साबित करने की छूट ,हर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की छूट—-कुल मिला के स्वतंत्रता किसी […]
जश्न आजादी का मनाएंगे वन्दे मातरम मिलकर गाएंगे गली चौबारों पे हम नाचे चलो मिलकर धूम मचाएंगे भारत माँ को नमन कर लो रोशनी से अपना घर सजायेंगे जाति धर्म का भेद नहीं कोई दिल से दिल हम मिलाएंगे न द्वेष कोई भी हो बढ़े भाईचारा मिलकर रहे हम और […]
बरस बीते आज़ाद हुए पर, ख़्याल अभी तक ग़ुलाम बने हैं । आज़ाद मुल्क के बाशिंदे हम, क्यों राम, रहीम, सतनाम बने हैं ।। ज़ात-पात में बांटा ख़ुद को, क्यों धर्म के ठेकेदार बने हैं । मुल्क़ को समझें अपना घर, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।