.                      ~~~ 1… घूंधट  पर्दा  री  प्रथा, समय  काल अनुसार। देश अजादी मिल चुकी,अब बदलाव बयार।। 2…..‍ परदेशी  निजराँ  बचै, बिटिया बहू  हमारि। लाज शर्म बड़काँन की,घूँघट माहि सँभारि।। 3…..‍♀ जे पढ़लिख जावै नारियाँ,प्रगतिअवसर पाय। राजनीति अरु नौकरी, बणिज देखती जाय।। 4…..‍ अब तो घूँघट छोड़कर,करो  विकासी बात। लाज शर्म […]

साँवली सूरत नन्दलाल | सुंदर  नैना बने बिसाल ||         अधरों  पर  बजती मुरली |         नभ छा जाती घटा काली || गले   में  बैजंती  माला | भक्त कहें जय गोपाला ||          मोर मुकुट अति प्यारो |     […]

डॉ एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’ होंगे राजभाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित   मुंबई | भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 के लिए राजभाषा कीर्ति व राजभाषा गौरव पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इनके अन्तर्गत गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के अंतर्गत हिंदी शिक्षण योजना, मुंबई के सहायक निदेशक तथा ‘वैश्विक […]

रश्मीरथी मुकेश मोलवा : हिन्दी कवि सम्मेलनों का कर्मयोद्धा डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ पिता कानालाल व माँ मानीबाई के घर १६ दिसम्बर १९८५ को रतनपुरा (धार) में जन्में व बीएससी, एमबीए, एमए तक पढ़े इंदौर निवासी वीर रस के कवि मुकेश मोलवा वर्तमान में हिन्दी कवि सम्मेलनों में धारा के […]

भला जो करते है महान रहते हैं सुना है धरा पर इंसान  रहते  हैं मानवता का कुछ परिचय भी दे दो बनकर क्यों भला अनजान रहते हैं मजलूमों की चीखें पुकार भी सुन लो बंद कर क्यों अपने कान  रहते  हैं रिश्ते भूल कर चली  मतलब परस्ती लगे घरों में […]

जहाँ प्रेम की वर्षा होती। सच्चे दिल से चर्चा होती।। प्रेम दिखाता अलग प्रभाव। नहीं दिखाता तनिक दवाब।। प्रेम जगत का असली सार। हर राहों पर देता अधिकार।। अगर नहीं है दिल में प्यार। लाखों विद्या का बंटाधार।। प्रेम है जीवन में अनमोल। इसका विना खत्म है रोल।। #नवीन कुमार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।