गिरिधर गोपालदास की छत्रछाया में पले-बढ़े थे, अल्पायु में ही दीखलाया चतुर्दिशा का हर एक बिंदु। हिंदी, हिंदू ,हिंदुस्तान का उद्घोष किया, कहलाये आधुनिक हिंदी के पितामह भारतेंदु।। हिंदी भाषा की नींव रखी, रीतिकालीन गलियारों से। मातृभाषा की सेवा में लगे, तन-मन-धन हृदय विकारों से।। हिन्द के हिंदी कुलदीपक थे, […]

मैं भी तुम्हारी देह में, मोगरे और गुलाब की खुशबू ढूंढ़ना चाहता हूँ, जैसा दूसरों को महसूस होता है। तुम्हारी हँसी से, झरते हरसिंगार देखना चाहता हूँ, जैसा दूसरे कहते हैं। तुम्हारी चाल में, हिरणी की कुलांचों को समझना चाहता हूँ। और आवाज…? आवाज कोयल सी सुनना चाहता हूँ। सभी […]

प्रकृति सहनशीलता की जननी है। कल आज व कल की वैतरिणी है। कभी किसी को दोषी न ठहराती। बड़े प्रेम से मानव को है समझाती।। प्रकृति की सुन्दरता वृक्ष कहलाते। मानव के प्राणाधार यही बन जाते।। हरियाली की चादर ओढ़े सरसाती। मानव करता जुल्म ये चुप रह जाती।। सुनले मानव […]

रोज – रोज तेल के भाव चढ़ रहे। सियासत में तूफान भी मच रहे।। विपक्ष के नेता हाहाकार कर रहे। जनता के प्रदर्शन रोज ही हो रहे।। आने वाले अब अगले  चुनाव पास है। तेल जैसे मुद्दे भी बने आज खास है।। सत्ताधारी व विपक्ष दोनों ही  हैरान है। जनता […]

दिन ढलने को हैं शाम होने को हैं तेरी याद बार- बार क्यो आने को हैं कमबख्त क्यो न जाने को हैं? पल दो पल मेरे रहने दे बस मुझे ये जिंदगानी जीने दे पता है न मेरे रोम-रोम हर साँस में बसा है तू फिर क्यों इतना परेशां करता […]

है शिक्षा बच्चे का अधिकार पढ़़ना बच्चों समझ विचार जीवन सुधरता विद्यालय चलते सबको पढ़ाते कमर कसो पाठ पढ़ो बदलो देश ये। 0 ये मनु जनम बार बार नहीं मिलता मानव जीवन पढ़ाई से सार्थक विद्या  परम धन जीवन सँवारे अनपढ़ता कलंक है पढ़िए बच्चों यूँ।   *सब पढ़ें, सब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।