लेकर हमने क्या करना है मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे मुंबई या गुजरात हो हमको    फिरना है मारे मारे इस कुर्सी की राजनीति ने बना दिया हमको उल्लू दिया गिलासा खाली मुझको उड़ा लिया पूरा टुल्लू मेरी टूटी खाट               तुम्हारे सोने के वारे न्यारे लेकर […]

दोस्तो साल 2018 हिंदी सिने जगत के लिए कुछ खास नही रहा टिकट खिड़की पर,,, हिंदी फिल्मों के साथ हम हॉलीवुड, साउथ  फिल्मो पर भी नज़र डालेंगे, क्योकी सिनेमा अब स्थान विशेष तक सीमित न रहते हुवे वैश्विक या विश्व व्यापी हो चुका है| सबसे पहले हिंदी फिल्मी पर चर्चा […]

शब्द को ब्रह्म यूँ ही नहीं कहा गया है; विश्व की समस्त शक्तियाँ शब्दों से निःसृत होकर शब्दों में ही समाहित हो जाती हैं ।  ध्यातव्य है कि शब्द शक्ति है । इस शक्ति को विज्ञान  “ऊर्जा के उपयोग से कार्य करने की क्षमता” के रूप में परिभाषित करता है […]

नौ देवियों मे प्रथम पूज्यनीय माँ शैलपुत्री आदिशक्ति हैं शैलराज हिमालय पुत्री ।त्रं दायें त्रिशूल , बायें  भुजा  मे लिए फूल देने आई  अपार  आशीष  माँ शैलपुत्री ।। श्वेत वस्त्र  और  वृषभ पर सवार होकर आवें पुष्प,नारियल,पान,सुपारी माता को चढावें । करती सारे कष्ट दूर,भर भंडार भरपूरे माँ के दर […]

पत्तों के खड़खड़ाने का शोर चिड़ियों के चहचहाने की गूंज बाग़ में तितलियों का उड़ना पत्तों पर ओस का गिरना कुछ नहीं बदला पर तुम नहीं हो कुएं में पानी का स्तर मुँडेर पर गिलहरी की किट पिट मंदिर की आरती का स्वर मस्जिद की भोर की अज़ान कुछ नहीं […]

       भारत में जब शरद ॠतु का आगमन होता है तब मौसम सुहावना हो जाता है । इस समय ना तो ज्यादा गर्मी और ना ही ठंड होती है । वर्षा ऋतु में बारिश धरा को धोकर साफ कर देती है, इसलिए शरद में धरा साफ होती है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।