बातों ही  बातों में, कुछ ऐसी बात हो गई, बनते बनते बात वो , बिगड़ी जैसी बात हो गई, सुनो ! बातों का कमाल भई । बातों ही बातों में, कुछ ऐसी बात बन गई, बिगड़े बिगड़े बात भी, बातों में ही बात बन गई, सुनो ! बातों का कमाल […]

मान सम्मान बहुत मिलेगा बस अच्छा कीजिए काम राष्ट्रधर्म सबसे ही बड़ा राष्ट्र के लिए हो बलिदान राष्ट्र के लिए ईमानदारी चुने स्वयं को राष्ट्रभक्त ही गिने जो भी जरूरत हो राष्ट्र को राष्ट्र के लिए समर्पित करे जब ऐसा हम कर पाएंगे सच्चे राष्ट्र भक्त हो जाएंगे यही राष्ट्रभक्ति […]

बाल दिवस विशेष……………….. एक चाचा की चाह में, बचपन खो गया भूखे है इस तरह की,संस्कार खो गया नवीनता तुम्हें मुबारक शालीनता लौटा दो बस एक बार मेरा चाचा लौटा दो। चाचा थे आधुनिक भारत के निर्माता विज्ञान प्रोद्यौगिकी के प्यारे समस्त राष्ट्र को चमका गए विलासिता के उपकरणों से […]

      अच्छे दिन की शुरुआत हो चुकी थी लोगों को ठंढक का एहसास प्रचुर मात्रा में होने लगा था। लोगों के शरीर से गर्मी के पतले-पतले कपड़े उनी कपड़ों के आगे घुटने टेक रहे थे। जो लोग गर्मी के दिनों में कई बार स्नान किया करते उनके स्नान […]

अल्हड़ सा वो बचपन याद आता है मुझे मेरा वो चंचल मन याद आता है गुजारे थे दोस्तो संग,वो पल सुखद मैंने वो खिलौने वो अपनापन याद आता है भीगें बारिश में ,सने धूल मिट्टी में नहाएं थे जो नदियों में बदन याद आता है गुनगुनी धूप में करते थे […]

सम्हल कर उड़ तू परिंदे, तेरी उड़ान पर सय्याद बहुत से नजर गड़ाए है। तेरी उड़ान ने ना जाने कब से सय्यादो के होश उड़ाए है। तेरे पिंजरे में बांधने को पर, उन्होंने बहुत जाल बिछाए है। तेरी आजादी से उड़ने से वो सब हैरान बहुत है,तुझे बन्द करने  को  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।