मां मंदिर की आरती,मस्जिद की अजान है। मां वेदों की मूल ऋचाएं, बाइबिल और कुरान है। मां है मरियम मेरी जैसी, मां में दिखे खुदाई है। मां में नूर ईश्वर का रब ही मां में समाई है। मां आंगन की तुलसी जैसी सुन्दर इक पुरवाई है। मां त्याग की मूरत […]

मै मेहनत कश मेहनत से न डरने वाला साधारण हूँ बिहार का रहने वाला। चारो ओर शोर मचा फिर भी न जकड़ने वाला। क्षेत्रबाद की बेडियाँ से हमेशा जकड़ा गया मेहनत के कारण ही हर बार बेडियों से निकाला गया। व्यवस्था की चूक हो या अफवाहो का वेवजह ही दुत्कारा […]

परमात्म चिंतन की पढ़ाई नियमित करते रहो सब भाई रूठना नही कभी किसी से नुकसान अपना ही होता भाई सद्व्यवहार ही अपना आभूषण चेहरे से दिखाई दे सदलक्षण जो आज्ञाकारी होते पिता के दुआये मिलती उन्हें ही हर क्षण परमात्मा की अनूठी भारत धरा भारत मे ही आते परमात्म सदा […]

दिल्ली | मूर्धन्य कहानीकार और उपन्यासकार सहित हिन्दी साहित्य के नक्षत्र खेतीखान निवासी प्रख्यात साहित्यकार हिमांशु जोशी का निधन हो गया है। 83 वर्षीय हिमांशु जोशी लंबे समय से बीमार थे। गुरुवार रात दिल्ली में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन से इलाके में शोक की लहर है। आदरणीय हिमांशु […]

—डॉ विवेकी रॉय जी आप आज भी याद आते हो… साल 2016, नवंबर की 22 तारीख और उत्तरप्रदेश की पुण्यभूमि वाराणसी की गोद में 93 वर्षीय ललित निबंध की आत्मा ने चिर विदाई ले ली थी। हाँ नवंबर की ही 19 तारीख पर साल 1924 को उत्तर प्रदेश के बलिया […]

माँ  तू नहीं होगी तो मेरा  न जाने क्या होगा, मेरे सफर की मंजिल तो होगी पर रास्ते का क्या होगा. आजमाएगी फिर  दुनिया हम दोनों के प्यार को, हमारी झूठी तकरार को, तब भावना के मेरे संसार का क्या होगा. चांद भी होगा  और  आसमा में ये सितारे भी रहेंगे सपनो में होगा  मिलना हमारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।