( तर्ज : किसी रहा पर किसी मोड़ पर ….) प्रभु के ध्यान में, गुरु के ज्ञान में, / रहता हूँ मै सदा ही मगन / प्रभु को नमन,गुरु को नमन / गुरु को नमन,प्रभु को नमन // जो प्रभु गुरु की करते है / सुबह शाम वो आराधना / […]

शिकवे और शिकायत का अबांर होता है,, लेकिन भाईयों में गहरा प्यार होता है,, भले ही कुछ बातों से मन में कड़वाहट आ जाए, या कुछ बातों से चाहे सीना छलनी हो जाए,, लेकिन बिगड़ी में भाई ही मदद्गाऱ होता है, शिकवे और शिकायत का अबांर होता है, लेकिन भाईयों […]

परमात्म शिव को याद करो मुरलीधर बन जाओगे शिव ही सामने दिखाई पड़ेगे ऐसे दिव्य आईना बन जाओगे अपने मुंह मिया मिट्ठू बने तो देह अभिमान हो जायेगा जो वायदा किया है सेवा का वह अधूरा ही रह जायेगा रूहानी यात्रा पर चलने को सर्वस्व अर्पण कर देना है जो […]

इन आँखों को नूर नहीं जुनून चाहिए काजल करने के लिए ताज़ा खूँ चाहिए गीत,ग़ज़ल,कविता,नज़्म सब बोलती हैं जिससे हज़रात क़त्ल हो,मजमून चाहिए जिस्म में गर्मी,लबों पे आग,अदाओं में चुभन इन्हें अब दिसम्बर में भी जून चाहिए हलाल करके बन्द ज़ुबानों को जो मिले कातिलों की पसन्द वाला ही शुकूँ […]

यह बात १९८० कि है मैं जब कक्षा ६वी का छात्र था । हमारे गुरुवर संस्कृत व्याकरण पढ़ा रहे थे और हम सभी पीपल पेड़ के निचे बैठकर पढ़ रहे थे । पहली घंटी मे ही गुरूजी ने कुछ पश्न दिये थे । सभी छात्रों ने हल किया और आधे […]

मुझसे लिखित पुस्तकों की गणना कर मेरी उंचाई का स्तर सुनिश्चित मत करना है अगर गहराई मेरी कविताओं में तो बस, उनमें उतर जाना। तूझसे सवाल पूछेगी वो या तेरा जवाब बनेगी मेरी कविता ध्यान से परख उसके सभी इशारों को पहेलियों में बात करती है मेरी कविता कुछ मिले […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।