रश्मिरथी अमन अक्षर: रत्नगर्भा मध्यप्रदेश का नव काव्य प्रकाश डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ देह बनवास को सौप कर वो चला चित घर की दिशा, शेष जाने किधर। १३ जून १९९० को निमाड़ की धरती पर खंडवा के पास ग्राम मुंदी में जन्मे और वर्तमान में इंदौर में रहने वाले अमन जिन्होंने बी टेक […]
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यक-ब-यक चल पड़ी हवा जैसे पूरी हो गई हर दुआ जैसे ===================== तुमको देखा तो यूँ महसूस हुआ सामने आ गया खुदा जैसे ===================== मैंने हर बार तुझे यूँ माँगा बच्चा कोई माँगे खिलौना जैसे ===================== इस तरह तूने भुलाया मुझको तू मेरा कभी न था जैसे ===================== ज़िक्र तेरा […]
