अब जनता जाग चुकी है नेता सो गए। क्योंकि नेता अपने पुराने वादों को धो गए।। जनता मांग रही है 5 साल का हिसाब नेता से। और नेता कर रहे हैं 5 साल के वादे जनता से।। राजनीति बंद करो सैनिक के अपमान की। करनी है तो बात करो जनता […]

क्रोधाग्नि है जिसका भूषण शीत उसे क्यों लगती होगी । आग उगलते जो जिह्वा से शीत उसे क्यों लगती होगी । सुखी देख कर अपने लोगों को जो जलते क्या ठंड लगेगी। आग लगाते जो समाज में उनके घर क्या आग जलेगी। शीत में पारा गिरते देखा मानव चरित्र हर […]

श्रावण मास तीज की, सिन्जारे पर प्रीत की गोरी कोरे हाथों पर, मेहंदी रचायगी हाथों का शृंगार कर, खुद  को संवार कर लाल सुर्ख जोड़े में वो, पिय को रिझायगी मेहंदी दिखा के वह, सीधा कह देगी वह नखरें न आज वह, पिय के उठायगी जुल्फ मेरी बिखरेगी, चान्द से […]

नव पल्लव जैसे खिलते है,, तुम लेती हो अँगडाई। गंध  तुम्हारे अंग अंग  से, लेकर बहती  पुरुवाई। नैन  कटीले कजरारे प्रिय  ,,, नित बसते है चेतन में। क्षण भर का परिरंभ तुम्हारा,अमृत जैसे मरूवन में। वृत्तपुष्प मकरंद अधर द्वय,  ग्रीवा लगे सुराही  है। कुंतल स्याह घनेरे बादल ,, राह भटकता […]

वह तो रोज़ की तरह ही नींद से जागा था, लेकिन देखा कि उसके द्वारा रात में बिछाये गए शतरंज के सारे मोहरे सवेरे उजाला होते ही अपने आप चल रहे हैं, उन सभी की चाल भी बदल गयी थी, घोड़ा तिरछा चल रहा था, हाथी और ऊंट आपस में […]

जीवन की संध्या बेला में जब तन के साथ मन भी जर्जर होने लगता है तब तक अपनी संतति भी आजीविका के लिए मजबूर हो अपनी जड़ों से दूर जा बैठती हैं। जिन बच्चों की किलकारियों और चुहलबाजी से घर की ईंटे भी ठहाका मारा करतीं थी आज वहां घुप्प […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।