भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी… एक ऐसा नाम जिसने भारतीय राजनीति को अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से इस तरह प्रभावित किया जिसकी मिसाल नहीं मिलती। 1975 में कांग्रेस और 1977-80 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान उनका आगमन रक्सौल में हुआ था। उस दौरान मैं रक्सौल के हजारीमल उच्च […]

तरुण अपने किसी काम से ग़ाज़ियाबाद से इलाहाबाद के लिए गया।इलाहाबाद के स्टेशन पर उतरते हुए उसने एक रिक्शा वाले को बुलाया और उसे एक स्थान पर पहुचाने के लिए कहा।रिक्शा वाले ने तरुण को रिक्शा में बैठाया और उस स्थान की और बढ़ गया।लगभग आधे घंटे रिक्शावाला उसके साथ […]

फायदे की बात तो सभी करते है बहती गंगा में डूबकी सभी लगाना चाहते हैं आखिर क्यो नही चाहेंगे जब गंगा ही उल्टी बह जाय और लोगो को मुर्ख बनाकर अपना काम निकाल लिया जाय विडम्बना तो तब होती है जब परिवार के लोग भी ऐसा करते है ।आज की […]

मत बैठो थक हार के तुम एक प्रयास तुम कर लेना, सीख चींटी से लेकर देखो, भारी वजन भी खींचना।   नन्ही चिड़िया सींक जोड़कर घोसला रोज बनाती है रोज टूटती रोज है गिरती फिर से नया बनाती है।   हिम्मत हारे गर तुम सोचो कैसे आगे बढ़ पाओगे। एक […]

 *मुगल दरबार* राणा  हर  संदेश   को, लौटाते  हर  बार। आन बान मेवाड़ क्यों,झुके मुगल दरबार। झुके मुगल दरबार,मान तज बन दरबारी। पा मनसब जागीर, चली रिश्तों की बारी। शर्मा बाबू लाल, झुके  नहीं  वे  महाराणा। एकलिंग    दीवान,  वही   मेवाड़ी   राणा।  *राम दरबार* सीता रामानुज सभी, सजे राम दरबार। हनुमत  बैठे  […]

धूप भी फीकी हो गई हवा चले विकराल हाड कपाती सर्दी जीवन हो गया बेहाल कही बर्फबारी प्रकोप है कही फैला घना कोहरा बेघर जो फुटपाथ पर संकट है उन पर गहरा ठण्ड से जान न जाने पाये ऐसा करे हम सब उपाय कम से कम एक कम्बल उनके तन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।