अटल काव्यांजली साहित्यिक संस्थान सतना के प्रथम वार्षिकोत्सव दत्ता रेसीडेन्स जबलपुर में 08/09/2019 रविवार को सम्पन्न हुआ जिसकी संयोजिका डॉ मीना भट्ट जी पूर्व न्यायधीशा जबलपुर,संस्थान के अध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र प्रताप सिंह भ्रमर जी ,संस्थापक तामेश्वर शुक्ल तारक निर्देशक राजेश श्रीवास्तव प्रखर थे मुख्य अतिथि बसंत कुमार शर्मा जी जीसीडीएम […]

चार करोड़ बेरोजगारी बढ़ी अर्थ व्यवस्था ओंधे मुहं गिरी बाजार में भी ग्राहक नही उपलब्धि लायक बात नही किसान आंदोलन कर रहा फ़सल के दाम को तरस रहा बहु बेटियां सुरक्षित नही बिना घूस कुछ मुमकिन नही वे गाल बजाने में व्यस्त है आम जनता बेचारी त्रस्त है भयमुक्त समाज […]

हाथों में हाथ थामे, साथ मेरे तुम चलना । मेरे जीवन के आंगन में, सांझ जैसी ढलना ।। उम्मीदों का सहर हो मेरी, तुम ही उजाला करना । बारिशों का पानी बनकर, यूं ही तर-बतर करना ।। अच्छा लगता है मुझको यूं खुद से बातें करना । याद में तेरी […]

बहत्तर साल की स्वतंत्र राजनीतिक एवं आर्थिक व्यवस्था के बाद भी देश में कई मुद्दे आज तक उलझे हुए हैं, जिनका समाधान केन्द्र सरकार नहीं कर पा रही है। जनता की मांग दो तरफा होने से सरकार ने भी आधे अधूरे निर्णयों को ही निरंतर बनाए रखा हैं। जिनमें से […]

बेटियों को देखकर यही समझ आता है वक़्त किस तरह तेजी से गुज़र जाता है जिन हाथों में गुड्डे-गुड़ियाँ खेला करते थे न जाने कब कागज़ कलम उतरआता है हाथ पीले देखकर , दुल्हन बनी देखकर आँखों को केवल रोना ही नज़र आता है वो सब छोटे जूते,वो उसकी तुतली […]

अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूँ कोई आँसू तेरे दामन पर गिराकर बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ थक गया मैं करते-करते याद तुझको अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ छा रहा है सारी बस्ती में अँधेरा रोशनी हो, घर जलाना चाहता हूँ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।