विदेशो में हिंदी गूंज रही भारत मे अस्तित्व ढूंढ रही संसद तक मे विरोध हो रहा देश मे यह क्या हो रहा हिंदी पर कानून ले आओ राष्ट्रभाषा हिन्दी को बनाओ ग्यारहवीं सदी में जन्मी हिंदी सिंधु किनारे पनपी थी हिंदी करोड़ो लोगो की मात्रभाषा है करोड़ो के दिलो की […]

तेरे मेरे रिश्ते की कहानी तो है चाहत की कुछ निशानी तो है मुझे भी इस कदर याद करना मुझपर रब की मेहरबानी तो है तुम्हारा दूर होकर भी करीब होना हँसी अपनी भी जिंदगानी तो है अदा शोख चंचल बिखरी लटें तू पहले सी अब भी सयानी तो है […]

जब सीखा था बोलना, और बोला था माँ। जो लिखा जाता है, हिंदी में ही सदा।। गुरु ईश्वर की प्रार्थना, और भक्ति के गीत। सबके सब गाये जाते, हिंदी में ही सदा। इसलिए तो हिंदी बन गई राष्ट्र भाषा।। प्रेम प्रीत के छंद, और उसी के गीत। गाये जाते हिंदी […]

मोहब्बत का अहसास होता ही रह गया, पता नही मैं कब तक सोता ही रह गया । मोहब्बत किया था मैंने उससे एक दफा, पर कहने की हिम्मत जुटाता ही रह गया । दिल में तो मेरे काफी ख्याल थे उसके लिए, पर आज या कल कहूँ सोचता ही रह […]

माँ हिन्दी के चरणों में एक दीया सचिन राणा हीरो की तरफ से… 14 सितंबर 2019 के दिन को देश भर में हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। इस खास दिन के मौके पर हिंदी के सम्मान और प्रोत्साहन के लिए देश में अलग अलग जगहों पर […]

जय – जय हो चंद्रयान उम्मीद से भरी उड़ान । ईसरो का जग में हुआ ऐतिहासिक ऐसा सम्मान ।। दिखलाया के. सिवान ने भारत को नया विहान ।् अंतरिक्ष विद्या में हुआ भारत का द्वितीय स्थान ।। आओं प्रिय वैज्ञानिक मैं तुमको अपने लगे लगाऊं । चहुँ दिशा फैला रहे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।