कर कर के मैं थक गया जीवन भर काम। सबको व्यवस्थित करके किया अपना काम। जब आया थोड़ा सा मौका मिल ने को आराम। तभी थमा दिया मुझे एक प्यारा सा पैगाम। जाकर तुम अब देखो पुन: एक नया काम। वाह री मेरी किस्मत और वाह रे मेरा नसीब। कभी […]
संतान वही जो सेवा करती माता पिता का ध्यान रखती उनकी हाँ में हाँ ही मिलाती उन्हें कभी न आंख दिखाती उनके सामने सिर झुकाती उनका सदा मान बढाती सामने उनके बच्चा बन जाती डांट पर भी सहज मुस्काती मरने पर भी न भूल पाती उनके नाम को आगे बढाती […]
विगत आधी सदी से भी कुछ अधिक अवधि से मैं अवलोकन करता आ रहा हूँ कि क्षेत्रीय बोली के नाम पर अधिकतर व्यक्ति, कुछ से कुछ लिखते हुए गुणवत्ता के प्रति सचेत नहीं रहते हैं। फलतः अपेक्षित स्तर का प्रायः अभाव रहता है। विषय-वस्तु, भाव एवम् भाषिक रूप से भी। और, इसीलिये; स्थानीय स्तर पर ही […]
गैर तो गैर,अपने भी अपने न हुए, जो जने थे अपने पेट से अपने न हुए। क्या हाल सुनाऊं अपने दिल का,ये टूटा हुआ। लिखा था जो मेरे भाग्य मे, वह भी फूटा हुआ।। जो कभी सोचा था मैंने, वे पूरे सपने न हुए। गैर तो गैर,अपने भी अपने न […]
खुद एक चांद हो तो क्यों पूर्णिमा इंतजार करे। और मोहब्बत का इसी रात में होकर मदहोश हम आंनद ले।। तुम जैसे दोस्त से यदि मोहब्बत हो जाये। तो हमें सीधी सीधी जन्नत मिल जाये।। डूब चुका था प्यार के सागर में, और नश नश में मोहब्बत भर गया था। […]
अंग्रेजी का दामन छोड़ो अब हिंदी की जय बोलो हिंदी अब गुलाम नही है किसी की मोहताज नही है सत्ताधीशों तुम भी बोलो हिंदी देश की शान बनेगी भारत की पहचान बनेगी संसद में सब हिंदी बोलो अपनी मातृभाषा में बोलो स्वदेशी भाषा से नाता जोड़ो हिंदी से अब मुहं […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।