शारद पूत नमन करूं, जय शंकर परसाद। नाटक कविता अरु कथा,हिन्दी छायावाद।। जय शंकर हिन्दी हितकारी। साहित सेवा सदा विचारी।।1 विश्वनाथ काशी कल्याणी। देवी के घर शारद वाणी।।2 माघा शुक्ला दसमी ईशा। संवत उन्निस छैयालीसा।।3 जनवरि तीस नवासी आई। जयशंकर जब जन्में भाई।।4 क्वींस कॉलेज करी पढ़ाई। बाकी शिक्षा घर […]
