एक बार तो सोचो जरा सोचो, क्या आजादी हमे मिल पाई है जो बलिदान दिया देशभक्तो ने क्या उसकी कीमत मिल पाई है जो आजादी चाही थी भारत ने क्या वही आजादी मिल पाई है लाख तरक्की कर ली फिर भी क्या चरित्र की फैक्ट्री लग पाई है मां,बहन तक […]
गिरीश्वर मिश्र कुछ बातें प्रकट होने पर भी हमारे ध्यान में नहीं आतीं और हम हम उनकी उपेक्षा करते जाते हैं और एक समय आता है जब मन मसोस कर रह जीते हैं कि काश पहले सोचा होता. भाषा के साथ ही ऐसा ही कुछ होता है. भाषा में दैनंदिन […]
संग अपने हर्षोल्लास लेकर पुनः स्वतंत्रता दिवस आया है नमन उन वीरों को जिनके कारण हमने स्वतंत्र भारत पाया है जिनके शौर्य से परतंत्रता हारी स्वतंत्रता का हुआ था आगमन स्मरण करें उनके बलिदानों को देश के अमर जवानों को नमन भक्ति करें अपनी मातृभूमि की उर में देशप्रेम की […]
हम भारत के बच्चे है, हम देश भक्त बन जाएंगे। वीर अभिमन्यु बनकर हम, चक्रव्यूह तोड़ दिखयेंगे । वीर व्रती , हम धीर बनेंगे, गांधी, नेहरू , पटेल बनेंगे। मानव मन के अंधकार को, हरने को प्रखर प्रकाश बनेंगे। हिन्दू , मुस्लिम , सिख , ईसाई, देश एकता की पहचान […]
2122 1212 22 देश का नाम हमको करना है साथ मिल जुलके यार रहना है। है मुहब्बत हमें वतन से अगर सब रहे मिलके ये ही सपना है। राहबर देश के मुलाज़िम हैं क्यूँ भला उनसे हमको डरना है। कैसा दुश्मन हो हम नही डरते इस ज़माने से ये ही […]
17 वर्ष के जगदीश छात्र ने आजादी का इतिहास लिखा करो या मरो के आंदोलन में तिरंगे पर बलिदान लिखा तीन गोलियां खाकर उसने इंकलाब को बुलंद किया हरिद्वार के पावन गंगा तट से राष्ट्र प्रेम को प्रत्यक्ष किया प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने बलिदान को उनके नमन किया पाठ्यक्रम में […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।