“यही सड़ा-पड़ा कपड़ा पहनकर जाएगा क्या बारात में? पता भी है तुझे कि कितने बड़े बड़े आदमी आएंगे वहाँ…?” काका बस के पिछले दरवाजे से बस के अंदर चढ़े और अंदर आते ही बड़बड़ाने लगे। रामू को पता था कि ऐसी बातें उसे छोड़कर और किसी को नहीं बोली जा […]

आओ हम सब मिलकर इस आजादी को नमन करें आओ हम इस मिट्टी का तिलक करें यह धरती है वीर-जवानों और बलिदानों की आओ हम सब मिल कदम बढ़ाएं भारत को आगे बढ़ाएं! कलाम की इंसानियत को अपनाएं जात-पात, ऊंच-नीच, छोटा-बड़ा, भेद-भाव और बदले की भावना से ऊपर उठें अगर […]

कब तक झूठे इतिहासों में, सच्चाई झुठलाएँगे, कब तक अमर शहीद हमारे, आतंकी कहलाएँगे। माना सत्य – अहिंसा से ही, आजादी हमने पायी, भारत के बँटवारे का दोषी किसको बतलाएँगे? सत्य – अहिंसा से डरकर अंग्रेज यहाँ से भागे थे, झपट लिया काश्मीर पाक ने, ये कैसे समझाएँगे? तीन रंग […]

एक था गबरू बन गया गब्बर देश – दुनिया में खूब मचाया अंधेर नए जमाने में उसी के रीमेक की तरह बुखार बन गया फीवर जिसके नाम से अब दुनिया कांपे थर – थर नाम सुनते ही क्या राजू क्या राजा पसीने से हो रहे तर – बतर बुखार वाले […]

इस साल प्रकृति ने कुछ ज्यादा ही कहर बरपाया | पिछले वर्ष तो बाढ़ से कुछ फसल बच गई थी, लेकिन इस साल सब कुछ बह गया | बेचारे देवीदीन चिन्ताग्रस्त टूटी खटिया पर पड़े – पड़े सोच रहे थे | कितना मंहगा बीज खरीदा, कितने – कितने मंहगें नामी […]

हमारे चंदू भैया सामाजिक और साहित्यिक जीव है और उनका जन्म भी हमारी तरह स्वतंत्र भारत में हुआ इसलिए उनने भी बचपन में पुस्तकों में पढ़ा और अध्यापकों से सुन रखा था कि भारत स्वतंत्र है। तभी से उनको ये आभास होने लगा था कि भारत में रहकर वो जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।