कविता लेखन के साथ, उसके संस्कारों पर भी ध्यान देना चाहिए श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम सृजन विविधा का नवीन आयोजन हुआ। साहित्य मंत्री डाॅ. पद्मा सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर बात करते हुए कहा कि हमें सिर्फ लिखना ही नहीं चाहिए बल्कि , विधा […]

आनंद मोहन माथुर ऑडिटोरियम में देंगे लाइव प्रस्तुति इंदौर। युवा हिन्दी कवि व गीतकार गौरव साक्षी का लाइव पोएट्री शो ‘वो तेरे प्यार की निशानी है’ 8 जून को इंदौर में होने जा रहा है। सनडाउन लाइव की ओर से आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम का आयोजन विजय नगर […]

सत्ता का सुख वे लोग भोगते हैं जो बेशर्म झूठे और मक्कार होते हैं। शालीनता और कायरता में फर्क होता है। सही को सही कहने की हिम्मत जिसमें नहीं है उसको दूसरों के अधीन ही रहना पड़ता है। जो गलत होते देखकर भी आवाज नहीं उठाते उनका भगवान ही मालिक […]

ध्यान का पुंज है ज्ञान का कुंज है शब्दभावों की अठखेली है अंत:प्रेरणा से बह निकली है कविता मेरी अंतरंग सखी है कि जगा देती है कभी भी हाथ पकड़ कर उठा देती है कलम थमा जता देती है कि उसे भावों की दुशाला ओढ़ वक्त के शिलालेख पर सजना […]

कहाँ गया वह आँगन जहाँ होती अन्न की रोपाई थी, आलू, टमाटर, प्याज, धनिया संग उगाई ताजगी जाती थी, अपनी खेती कहने में गर्व और खानपान में न मिलावट थी, पौधों से ऑक्सीज़न मिलती और सब्जियाँ ऑर्गेनिक कहलाती थीं, हर घर रहता हरियाली का वास, रोगों की न होती थी […]

पुस्तक समीक्षा – सींगवाले गधे (व्यंग्य) लेखक – प्रेम जनमजेय समीक्षक – डॉ. अखिलेश राव देश के प्रसिद्ध व्यंग्यकार प्रेम जनमजेय की पुस्तक “सींगवाले गधे” को देखते ही व्यंग्य के साथ हास्य उत्पन्न हुआ। मुहावरा पड़ा था ‘गधे के सिर पर सींग नहीं होते’ शीर्षक पढ़ते और आवरण पृष्ठ पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।