यह आवश्यक नहीं है।चूंकि डाक्टर की गलतियों को रोगी भोगते हैं।पिता की गलतियों को बच्चे भोगते हैं।उसी प्रकार बच्चों की गलतियों का दण्ड मां-बाप भोगते हैं।पत्नीयों की गलतियों को पति भोगते हैं और पतियों की गलतीयां प्राय: पत्नीयां भोगती हैं।राजनेताओं की गलतियों को देशवासी भोगते हैं।मतदाओं की गलतियों को राष्ट्रभक्त […]

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर राज्य का सबसे बड़ा शहर है जिसे भारत के पूर्वी हिस्से का सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है। ऐतिहासिक मंदिर और अपनी गौरवशाली विरासत के कारण इस शहर को टेम्पल सिटी के रूप में भी जाना जाता है। यह शहर हिंदू, जैन और बौद्ध संस्कृति में विविधता […]

प्रकृति बसन्त से लबरेज हुई ठंडक भी मौसम में कम हूई सुहाना मौसम भाने लगा है सरसो का फूल लुभाने लगा है गेहूं की फ़सल की हरियाली है प्रकृति आवरण बदलने वाली है आओ खुद को भी बदल डाले व्यर्थ के विचारों को धो डालें अपने लिए भी समय निकालें […]

जहाँ पर हम होते है, वहां पर तुम नहीं होते। जहाँ पर तुम होते हो, वहां पर हम नहीं होते। फिर क्यों रोज सपने में, तुम मुझको दिखते हो। न हम तुमको जानते है, और न ही तुम मुझको।। ख्बवो का ये सिलसिला , निरंतर चलता जा रहा। हकीकत क्या […]

दिवस आया एक नया लेकर रंगों की सौगात गाओ रे फाग मंगल गीत दिवस आया एक नया गौरी रचाए सुंदर श्रृंगार बरसाये मंद-मंद प्रेम फुहार दिवस आया एक नया उढ़े रंग-गुलाल गली-गली खिल उठीं सारीं कच्ची कली दिवस आया एक नया मिष्ठानों-पकवानों की महक फिर चंचल मन की चहक दिवस […]

दिल्ली कितनी दूर है देखते हैं, संकल्प भी भरपूर है देखते हैं। देखते हैं युद्ध पक्ष व विपक्ष में, लोकतन्त्र मजबूर है देखते हैं। कर्म-धर्म निष्फल नहीं जाता, बेबस भले जरूर है देखते हैं। सी.ए.ए. का विरोध मत करो, ये तो मानवीय हूर है देखते हैं। देशभक्ति वस्तु नहीं जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।