जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताये, कहाँ वो चले गए हैं। रातों की नींद चुराकर, खुद चैन से सो रहे हैं॥ ये कमबख्त मोहब्बत, क्या-क्या हमें दिखाए। खुद चैन से रहे वो, हमें क्यों रोज रुलाये॥ […]

इंदौर। हिन्दी का दायरा बढ़े और राष्ट्रभाषा के अलंकरण से हिंदी सुशोभित हो इस महद् उद्देश्य से हिन्दी साहित्यकारों का एक समुच्चय, साहित्यकारों का एक लिखित संगम ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के तत्त्वाधान में एक राष्ट्रव्यापी साहित्यकारकोश तैयार हो रहा है, जो निश्चय ही राष्ट्र की धरोहर होगा। हिंदी के साहित्यकार […]

भवानीमंडी | राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सूलिया (झालावाड) के शिक्षक को अमृतसर (पंजाब) में नवोदय क्रांति परिवार भारत द्वारा नेशनल अकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स ऑडिटोरियम में गवर्नमेंट टीचर्स ऑफ इंडिया के लिए आयोजित द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन में नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। शर्मा ने बताया कि उन्हें यह […]

परमात्मा को याद किया करो कुछ अपने लिए भी जिया करो आए हो तुम जब इस संसार में संसार के लिए कुछ किया करो सुख -शांति का सागर परमात्मा परमात्मा से यही सब लिया करो पास न आने पाए असन्तोष कोई अधीर कभी न तुम हुआ करो ईर्ष्या, द्वेष से […]

बीस बीस का भारत अपना सभी मुल्को पर तीस हो ना पड़े जरूरत किसी की ऐसी प्रगति चहुँ ओर हो। अपने पराये का भेद मिटे सभी के हृदय समरूप हो अनेकता में एकता की पुनः ऐसे ही गठजोड़ हो। एक भारत श्रेष्ठ भारत नारा सबके अनुरूप हो फले फूले बढे […]

जाम से जाम टकराते मिलेंगे सियासतदां है लड़ाते मिलेंगे दिलो दिमाग से काम लो यारों उनका क्या वो भिड़ाते मिलेंगे दिखावे के लिए गले लगाते है वो बाद में फिर ठेंगा दिखाते मिलेंगे नफरत ही नफरत भर दी है उसने है चुनावी सफर गड्डी उड़ाते मिलेंगे अमन चैन सब छीन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।