
दिवस आया एक नया
लेकर रंगों की सौगात
गाओ रे फाग मंगल गीत
दिवस आया एक नया
गौरी रचाए सुंदर श्रृंगार
बरसाये मंद-मंद प्रेम फुहार
दिवस आया एक नया
उढ़े रंग-गुलाल गली-गली
खिल उठीं सारीं कच्ची कली
दिवस आया एक नया
मिष्ठानों-पकवानों की महक
फिर चंचल मन की चहक
दिवस आया एक नया
हो न होली में अति हुडदंग
त्यौहार मनाओ प्रेमभाव के संग
दिवस आया एक नया
लेकर साथ खुशियाँ अपार
मिल बांट बढ़ाओ प्यार
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl