“पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी” द्वारा आयोजित “राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन ,2017, 26 , 27, और 28 मई को लेखन मिलन शिविर में मुझे पहली बार शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था । मेघालय राज्य के इतने करीब असम राज्य का निवासी होकर भी मुझे मालूम नहीं था कि हर साल […]

     पृथ्वी की प्राचीनतम् महिमा के साथ रहने वाले भारतवर्ष की जाति-जनजाति के वैशिष्ट्य, विभाग और संख्या को लेकर महान पण्डितों के बीच में मतभेद परिलक्षित होता है। संस्कृत साहित्य में निषाद, शवर, पुलिन्द, भिल्ल और कोल्ल इत्यादी नाम से अष्ट्रिक गोष्ठीय जनजाति के उल्लेख हैंं । आर्य लोगों […]

वह नई नवेली दुल्हन थी सोलह श्रृंगार सजाया था लांघ पिता की दहलीज आगे कदम बढ़ाया था थी अरमानो की डोली सपने खूब संजोये थे पिता ने पीठ दिखाई तो भाई भी बहुत रोये थे कुछ वर्षों में ही तूमने इतना प्यार लुटाया था बनकर दिल की धड़कन कितना हमें […]

बहू मैं तुम्हारे घर की बेटी बनाकर रखना दुल्हन हूँ,तूम्हारे बेटे की पलकों पर बैठाकर रखना निकली हूँ पिता के दर से डोली अरमानों की सजाकर खुशियाँ सदा परोसना गोदी मे अपनी बैठाकर आई हूँ माता-पिता की चौखट को लांघकर दिल मे बैठाकर रखना बेटी अपनी समझकर खुश्बू हूँ, मैं […]

अरे ओ मुसाफिर जरा सम्भल कर चल ठोकर लग जायेगी नजरे झुकाकर चल सर उठा कर चलने वाले हम भी खड़े हैं राह मे जरा नज़रे मिलाकर चल गुरूर में हीं एक दिन ज़िन्दगी  थम जायेगी ज़िन्दगी है दो पल की सबको निभा कर चल आज तेरे पास है कल […]

तुम हो मेरी मांग का सिन्दुर तुम हो मेरे सोलह श्रृंगार सदा सुहागन रहुँ मैं देना आर्शीवाद हर बार चुड़ी खनके हाथो मे खन-खन पैरो मे हो पायल की झंकार माथे पर हो बिन्दियाँ सुहाग की गले मे हो मोतियों का हार आँखों मे हो कजरा और होठो पर हो […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।