चार दिनों की चांदनी मिली है अपनों से क्यों व्यर्थ्य गमाये जा रहा इस ख़ुशी के पल को / वैसे तो कौन किसका होता है इस ज़माने में सब को अपनी अपनी पड़ी है दौलत कमाने में / जब से मिला है तुझे मौका पैसे कमाने का / तो कमाए […]
बाधायें आती हैं आयें चाहे जितना प्रलय मचायें दुख के दावानल से चाहें गूँज उठे चहु ओर दिशाएँ पथ की इन बाधाओं से हमको हरदम लड़ना होगा, सूरज जैसा जलना होगा। जीवन की कंटक राहों में बिखरे जाने कितने शूल, आगे बढ़ने की अभिलाषा में मत जाना मानवता भूल, टेढ़ी-मेढ़ी […]
मेधा जब भी मुखरित होगी निजता का सन्दर्भ हटेगा, चेतन जब भी जागृत होगा अंतर्मन का क्लेश घटेगा, सुरभित होगा मन का स्वर मन से जन के मीत बनेंगें आशाओं के दीप जलेंगे। मन का कलुष भगायें यदि हम क्षमाशीलता तब जागेगी, सहिष्णुता की अलख जगेगी […]
ये कैसी रंजिशें हैं? ये कैसी ख्वाहिशें है? जिधर दृष्टि डालो उधर ही तो साज़िशें हैं। इन अजब बन्दिशों का क्रंदन है जीवन, अंधेरे-उजाले का संगम है जीवन।। यहाँ तो हर शख़्स ग़मज़दा सा है, कुछ हारा और कुछ थका-थका सा है। इस हार और जीत के फ़लसफ़े में बस, […]
विचार,वाणी की स्वतन्त्रता देती हमें सम्मान हो, वेशभूषा की सरलता का हमें अभिमान हो, देश,भाषा,धर्म का न कभी अपमान हो। इस निलय में हर कहीं, बस राष्ट्र का गुणगान हो, जो राष्ट्र हित में लिखा जाए,ऐसा अनूठा गान हो। सच्चा वासी वही देश का जो उस पर कुर्बान हो, ऐसे […]
पल्लल्वित हो,प्रगतिशील हो ऐसा रोपित बीज हो, बहुजन हिताय,बहुजन सुखाय ऐसी अपनी नीति हो, न धर्म हो न जाति हो न भाषावादी रीति हो, हो बसन्त चहुओर न ज्यादा गर्म हो न शीत हो, हिन्दू मुस्लिम सिख पारसी आपस में सब मीत हो, औंधे मुँह गिरे हरदम जो छल प्रपंची […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।